भोपाल। व्यापम महाघोटाले से घिरी राज्य सरकार और घबराई भाजपा द्वारा राजनैतिक बदले की भावना से कांग्रेस नेताओं पर दबाव बनाने के लिए अपनाई जा रही रणनीति के विरूद्ध कांग्रेस ने आज उसके खिलाफ एक और पलटवार करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त को दस्तावेजी सबूत सौंपते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान समेत 8 अन्य के विरूद्ध आयकर अधिनियम की धारा 276-277 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही कर उन्हें कानून से शासित करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी और मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में संलग्न दस्तावेजी सबूतों में पार्टी ने मुख्य आयकर आयुक्त से अनुरोध किया है कि विगत 20 जून, 2012 को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पारिवारिक मित्र बिल्डर दिलीप सूर्यवंशी तथा व्यापम महाघोटाले में जेल में बंद आरोपी खनन माफिया सुधीर शर्मा के निवास व कार्यालयों में आयकर विभाग द्वारा की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर युक्त खाली शासकीय नोटशीट सहित सरकार से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये गये थे।
इस कार्यवाही में बरामद दस्तावेजों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, राज्य सभा सदस्यद्वय श्री प्रभात झा व अनिल दवे, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध व दीनदयाल रिसर्च संस्थान प्रमुख श्री अभय महाजन, प्रदेश भाजपा महासचिव तपन भौमिक, सांसद श्री प्रभात झा के दो पुत्र श्री तुष्मुल झा व अयंत झा आदि से संबंधित व्यावसायिक प्रतिबद्धता और निजी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले दस्तावेज होना पाये गये थे। आयकर विभाग द्वारा जारी एप्रेजल रिपोर्ट में भी उक्त महत्वपूर्ण तथ्यों का उल्लेख किया गया है।
इसी प्रकार 10 मई, 2012 को प्रदेश के संचालक, चिकित्सा शिक्षा डाॅ. अमरनाथ मित्तल के यहां पड़े लोकायुक्त छापों के दौरान लगभग 100 करोड़ रूपयों की अवैध संपत्ति उजागर हुई थी। इसके पश्चात् आयकर विभाग द्वारा भी डाॅ. मित्तल के मामले में की गई कार्यवाही के दौरान उनकी धर्मपत्नी ने एक बयान दिया था, जो समाचार पत्रों में सार्वजनिक भी हुआ था। उसमें उन्होंने कहा था ‘मेरे पति र्निदोष हैं’, उन्हें "Political Bosses" को भी पैसा देना पड़ता है। लिहाजा, आयकर विभाग द्वारा उनसे संबंधित जांच के खुलासे में कृपापूर्वक यह भी स्पष्ट किये जाने हेतु तत्संबंधित को आदेशित करे कि एक महाभ्रष्ट अधिकारी द्वारा किन "Political Bosses" को उनकी काली कमाई का हिस्सा हस्तांतरित होता था?
कांग्रेस ने मुख्य आयकर आयुक्त से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश के तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय विश्नोई के यहां भी आयकर विभाग द्वारा की गई Search & Tax Raid की कार्यवाही के दौरान इन दोनों ही प्रभावी व रसूखदार राजनेताओं द्वारा आयकर ट्रिब्यूनल का हवाला देते हेतु स्वयं को पाकसाफ साबित किया जाना प्रचारित किया जा रहा है। लिहाजा, आयकर विभाग यह स्पष्ट करे कि क्या इन्हें क्लीनचिट दे दी गई है और यदि नहीं तो इस मामले को आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत Re-open किया जाये।
कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में इन दिनों भ्रष्ट राजनेताओं, राजनैतिक संरक्षण में पनप रहे विभिन्न तरह के माफियाओं, नौकरशाहों और अपराधियों का कुत्सित संगठित गठबंधन भ्रष्टाचार के माध्यम से प्रदेश को लील रहा है। लिहाजा, इसे उजागर करना अति आवश्यक है। इसलिए आयकर अधिनियम की धारा 133 (6) के अंतर्गत आयकर विभाग की ही एप्रेजल रिपोर्ट में सामने आये उक्त वर्णित हाईप्रोफाइल लोगों को आयकर कार्यालय में बुलाकर सामने आये महत्वपूर्ण तथ्यों की सूक्ष्म जांच करायी जाये और इन सभी के विरूद्ध आयकर अधिनियम की धारा- 276-277 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही कर उन्हें दंडित भी किया जाये। इस अवसर पर सर्वश्री जे.पी. धनोपिया, रवि सक्सेना, श्रीमती विभा पटेल, सुश्री संगीता शर्मा, ईश्वरसिंह चैहान, पार्षद योगेन्द्र गुड्डू चैहान, जितेन्द्र मिश्रा, योगेन्द्रसिंह परिहार, विवेक सोनी सहित अनेकों कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।