भोपाल। शिक्षक संगठन आजाद अध्यापक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता मुश्ताक खान ने मप्र में प्रस्तावित स्कूलों के निजीकरण का विरोध करते हुए मप्र में शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु कुछ सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि एक बार फ्री हेण्ड दे दो, बेगारी बंद करा दो, फिर देखो क्या परिणाम आता है। ना आए तो कर देना निजीकरण :—
शिक्षा विभाग के ठेकेदारों शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के नाम पर शिक्षा विभाग के निजीकरण करने से पहले कुछ सवालों के जबाब दो-
शिक्षा विभाग के ठेकेदारों तुमने कभी सोचा है सरकारी शाला में शिक्षा की गुणवत्ता केसे बढेगी??
1.क्यों बनाते हो ऐसी शिक्षा पद्धितियाँ जिनसे बच्चे कुछ ना सीख सकें??
2.क्यों किसी योजना के पूर्व जमीनी शिक्षकों से चर्चा नहीं करते और AC रूम में बैठकर बे सर पैर की पद्धितियाँ लागू कर देश के भविष्य को बिगाड़ने पर तुले हो??
3.क्यों मास्टरों को अपनी पद्धितियों से बच्चो को सिखाने नहीं दिया जाता ??
4.क्यों मास्टरों को प्रतिदिन की जानकारियों में उलझा दिया गया है??
5.क्यों भोजन वितरण की मोनिटरिंग करवाते हो समूह होने के बाद मास्टर से जानकारी क्यों??
6.क्यों घर घर भेजकर समस्त दस्तावेज इकट्ठे कर मास्टर से बच्चो के बैंक खाते खुलवाते हो ??
7.क्यों स्थाई बी.एल.ओ. बनाकर रखे हो और हर तीन महीने में काम करवाते हो??
8.क्यों चुनावो में निर्वाचन, मतगणना, और सीलिंग कार्य में उलझाते हो??
9. sssm आई डी. में पंचायत सचिव के होते मास्टरोे को क्यों उलझाए हो??
10.क्यों तहसील स्टाफ होने के बाद भी जाति प्रमाण हेतु मास्टरों को तहसील के चक्कर लगवाते हो??
11.क्यों सरकारी मेलों में मास्टरों को सरकारी योजनाओं के स्टालों पर बैठते हो??
12. क्यों हर वर्ष गणवेश वितरण की व्यवस्था करवाते हो और हिसाब रखवाते हो??
13. क्यों बच्चो के लिए सायकल की व्यवस्था और हिसाब रखवाते हो??
14. स्वास्थ विभाग के होते हुए मास्टर से मंगलवार को बच्चों को दवाई गोली क्यों खिलवाते हो??
15. वन विभाग के होते हुए पेड़-पोधे मास्टर से क्यों लगवाते हो??
16. आर्थिक एवं संखिय्की विभाग के होते हुए क्यों मास्टर से आर्थिक गणना करवाते हो??
17. जनगणना विभाग होते हुए क्यों मास्टरों से जनगणना करवाते हो??
18. क्यों वर्ष भर प्रशिक्षणों के नाम पर शैक्षणिक दिवस खराब करवाते हो??
19. क्यों मास्टरों को शांत कर रेडियो सुनवा रहे हो??
20. क्यों आज तक सभी सरकारी स्कूलों में बिजली नही लगवाई??
21. क्यों सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर नहीं लगवाए आजतक??
22. क्यों आजतक इ-एजुकेशन को बढावा नही दिया गया??
23. क्यों आजतक कई स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ नहीं है??
24. क्यो दो-दो-महीने में आधा अधूरा और किश्तों में वेतन दिया जाता है समान वेतन क्यों नही??
निजीकरण की बात और प्लान बनाते हुए तुम सभी को जरा भी शर्म नही आई और सरकारी स्कूल की तुलना निजी स्कूलों से करते हुए जरा भी सरकारी मास्टरों को दी गई जिम्मेदारियां दिखाई नही दी?? यदि आज किसी भी निजी स्कूल के स्टाफ को आधा करके उपरोक्त कार्य दे दिए जाए तो स्तर की जो तस्वीर आँखों में छपी है वो धूमिल हो जायेगी।
यदि सच्चे मन से शिक्षा विभाग के ठेकेदार सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढाना चाहते है तो आज ही सरकारी मास्टरों से गैरशैक्षणिक कार्य करवाना बंद कर दो और मास्टर को अपने हिसाब से और अपनी पद्धति से शिक्षण कार्य करने दो फिर देखना मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक स्तर कहाँ से कहाँ पहुंच जाता है।
अतः निवेदन है की कम से कम शिक्षा विभाग की सौदेबाजी निजी हाथों के साथ ना की जाए व सरकारी स्तर पर ही देश के भविष्य को साक्षर बनाने की स्वतंत्रता प्रदान की जाए
जय हिन्द जय भारत।
एक आम अध्यापक की और से सरकार व शिक्षा विभाग से निवेदन।
आम अध्यापक
मुश्ताक खान, भोपाल