श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले साल सितंबर में आई भीषण बाढ़ से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर यहां भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। घाटी के कई इलाकों में भूस्खलन का खतरा भी मंडराने लगा है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण झेलम नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। श्रीनगर शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। सोमवार को भी घाटी के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है।
अलर्ट जारी, स्कूल-कॉलेज की परीक्षाएं रद्द
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि घाटी में खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद भी रविवार रात श्रीनगर पहुंच चुके हैं। सोमवार और मंगलवार को होने वाले वाली स्कूल और कॉलेज की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा प्रशासन ने पिछले साल आई बाढ़ से सबक लेते हुए कंट्रोल रूम भी बना दिए गए हैं जो 24 घंटे हालात पर नजर रखेंगे। अगले 48 घंटे तक खतरा बना रहने की चेतावनी भी दी गई है।
मौसम विभाग ने कहा, हिमस्खलन का खतरा
मौसम विभाग ने कहा कि बाढ़ का डर तो नहीं है लेकिन हिमस्खन को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीएम सईद ने सेना से मदद की अपील की है जिसने पिछले साल सितंबर मे आई बाढ़ से निपटने में अहम भूमिका निभाई है। श्रीनगर और पुलवामा में नदी के किनारे रह रहे लोगों से तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कहा गया है। शोपियां और कुलगाम में भारी बारिश के कारण कुछ पुल भी बह गए हैं। बता दें कि यहां शनिवार से बारिश जारी है और इस कारण घाटी की नदियों में पानी का खतरा बढ़ गया है। श्रीनगर के राम मुंशी बाग में झेलम नदी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को एनडीआरएफ के 200 जवान श्रीनगर पहुंच जाएंगे, जिससे बिगड़ रहे हालात में लोगों की मदद की जा सके। भारी बारिश की वजह से घाटी के कई इलाकों में पानी भी भर गया है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया।