नई दिल्ली। मोहम्मद जमशेद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने सिफारिश की है कि रेल विभाग को खुद कालाबाजारी शुरू कर देनी चाहिए, जहां जहां मांग बढ़े वहां वहां दाम भी बढ़ा देने चाहिए। देश में पहली बार हो रहा है कि शासकीय विभागों को फायदे में लाने के लिए नुक्कड़ के दुकानदारों वाले टिप्स यूज किए जा रहे हैं।
यूंं तो भारत में उपलब्ध शासकीय सुविधाओं पर सभी नागरिकों का समान अधिकार है फिर आप चाहे पहले आएं या बाद में परंतु यदि वो उपलब्ध है तो आपके अधिकार क्षेत्र में आती है परंतु भारतीय रेल अब इस सिद्धांत पर काम नहीं करेगी। वो तो कालाबाजारी और ब्लेकमेलिंग का फंडा यूज कर ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने की रणनीति पर काम करने वाली है।
हवाई जहाज की तरह ही सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया बुकिंग के साथ बढ़ता जाएगा, यानी जितनी सीटें कम होती जाएंगी, किराये में बढ़ोतरी होती जाएगी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने तय वक्त पर रिपोर्ट देने के लिए कमिटी की सराहना की और कहा कि कमिटी की सिफारिशों में से जो भी संभव होंगी, उन्हें लागू किया जाएगा। कमिटी ने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान करके रेलवे को दी है, जहां किरायों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। कमिटी ने उन बाधाओं की भी पहचान की है, जिनकी वजह से रेलवे पर यात्री और मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं आ रही हैं। कमिटी का कहना है कि पिछले पांच साल में आरक्षित श्रेणी को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में रेल यात्रियों की संख्या में कमी आई है।