भोपाल। सीएम साब. . .! तुमई हमाय माई बाप, हमाई जिंदगी अब तुमरे हाथ। यह कहते हुए ओला पीड़ित किसान सीएम शिवराज सिंह चौहान और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के पैरों में गिर पड़ा। सीएम ने उसे धैर्य बंधाने का प्रयास किया लेकिन उसकी आखें मुआवजा तलाश रहीं थीं। तत्काल और भरपेट मुआवजा।
किसान ताराचंद धाकड़ (60) अपने ही खेतों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को देखकर उनके पैरों पर गिर पड़ा। सीएम ने ताराचंद को उठाकर गले लगा लिया। उन्होंने किसान से कहा कि मेरे होते हुए यदि तुम परेशान रहोगे तो मेरे सीएम होने का क्या फायदा, ताराचंद कुछ नहीं बोला, सुबकता रहा, क्योंकि इस बार वो मीठे बोल नहीं बल्कि राहत की रकम चाहता है। मुआवजा चाहता है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को ग्वालियर चंबल संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया और मुरैना क्षेत्र के एक-एक गांवों का दौरा करके ओले और बारिश से बर्बाद फसलों को देखा। उनके साथ वाणिज्य उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, मंत्री रामपालसिंह तोमर और मुरैना के सांसद अनूप मिश्रा भी मौजूद थे। सीएम ने अपने दौरे में माना कि अधिकर जगहों पर 80 से 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है।
आक्रोशित किसानों को लठियाते रहे अधिकारी
शिवपुरी के इमलिया गांव के लोग बैनर, पोस्टर लेकर सीएम से मिलने पहुंचे। उनकी मांग थी कि सीएम ने 24 घंटे बिजली दिए जाने की घोषणा की है, जबकि उनके गांव में 15 साल से उजाला नहीं हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
इससे पहले एसडीएम नीतू माथुर और गुरावल व मुड़खेड़ा गांव के लोगों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई। दोनों ही गांव के लोगों ने एसडीएम से कहा कि हमारा पिछले साल भी ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ था, लेकिन मुआवजा नहीं मिला। इस पर एसडीएम बोलीं कि जो अफसर पहले बैठे थे वो चले गए। यदि आप शिकायतें करोगे तो कुछ नहीं मिल पाएगा। इसलिए अपनी समस्याएं बताएं, फालतू की बातों पर दिमाग न लगाएं। आक्रोशित किसानों का भी फूटा गुस्सा, बोले सीएम तबाही नहीं अपनी सड़क देखने आ रहे हैं। उनकी कंपनी ही एनएच क्रमांक-3 बना रही है।