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व्यापमं घोटाले के व्हिस्ल ब्लोअर की सुरक्षा बढ़ाई

भोपाल। मप्र सरकार के नकार देने के बावजूद दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले (व्हिस्ल ब्लोअर) को दी गई सुरक्षा की अवधि दो महीने के लिए बढ़ा दी। इस व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग उसे धमकी दे रहा है।

मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में राज्यपाल रामनरेश यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर भी उंगली उठी है। राज्यपाल के खिलाफ प्रथमिकी (एफआईआर) दर्ज हो चुकी है, जबकि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सबूत पेश कर एसआईटी से मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर चुके हैं। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से व्हिस्ल ब्लोअर की सुरक्षा का मूल्यांकन करने और दो महीने के बाद आवश्यक कदम उठाने को कहा।

न्यायालय ने विशेष कार्य बल (STF) के उस बयान को भी संज्ञान में लिया, जिसमें इसने कहा था कि वह व्हिस्ल ब्लोअर से पूछताछ नहीं करेगी। व्हिस्ल ब्लोअर ने आरोप लगाया था कि प्रवेश और नियुक्ति घोटाले से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कुछ करीबी लोग जुडे़ हुए हैं। न्यायमूर्ति मृदुल ने यह निर्देश भी दिए कि व्हिस्ल ब्लोअर की तरफ से पेश किए गए सबूत बंद लिफाफे में दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और जबलपुर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय में पेश किए जाएं।

उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में व्हिस्ल ब्लोअर और कंप्यूटर विशेषज्ञ ने आरोप लगाया था कि एसटीएफ के लिए काम करने के दौरान उसे कुछ गुप्त जानकारियां मिलीं, जो मध्यप्रदेश सरकार और कुछ उच्च पदस्थ व्यक्तियों के लिए खतरे की घंटी हैं।

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