नदियों के पास बनीं डेयरियों को हटाने के आदेश

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि नीरी की रिपोर्ट के आधार पर डेयरियों की नदियों से दूरी के संबंध में संशोधित योजना बनाएं। इसके लिए 17 अप्रैल तक का समय निर्धारित किया गया है।

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे व समाजसेवी ग्लेनपाल की ओर से अधिवक्ता मनीष वर्मा ने पक्ष रखा।

100 नहीं 500 मीटर हो दूरी
उन्होंने दलील दी कि नागपुर की संस्था नीरी की रिपोर्ट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा डेयरियों की नदियों से 500 मीटर दूरी का हवाला दिया गया है। इसके विपरीत मध्यप्रदेश शासन ने व्यावसायिक डेयरी प्रक्षेत्र के सिलसिले में जो मार्गदर्शी सिद्धांत प्रतिपादित किए, उनमें दूरी महज 100 मीटर निर्धारित की गई है। कायदे से राज्य शासन पुनर्विचार करके दूरी बढ़ाए। यही नहीं यह भी तय किया जाए कि दूरी का निर्धारण कहां से किया जाएगा।

नर्मदा, परियट, गौर में बढ़ रहा प्रदूषण
बहस के दौरान जोर देकर कहा गया कि नर्मदा, परियट व गौर नदियों में डेयरियों के गोबर के कारण जमकर प्रदूषण बढ़ रहा है। नीरी की रिपोर्ट में भी यह तथ्य रेखांकित हुआ है। जिसे ध्यान में रखते हुए नीरी से डेयरियों की नदियों से दूरी बढ़ाए जाने की अनुशंसा की है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!