बेअदब ये कह रहे हैं, हम पुराने हो गये

“राजनीति के खेल निराले हैं| पक्ष में रह किसे पालेंगे, पोसेंगे किसे दुत्कारेंगे पता नहीं चलता| ठीक इसी तरह प्रतिपक्ष में बैठ कर कब किसकी टोपी उछालेंगे और कब तक उछालेंगे एक अबूझ पहेली है| भारत कि राजनीति उसी दौर से गुजर रही है| 

पूर्व प्रधानमंत्री, कथित भ्रष्टाचार के लिए अदालत द्वारा बुलवाए जा रहे हैं| राज्यपाल अपने विरुद्ध दर्ज़ प्राथमिकी को समाप्त करने कि दरख्वास्त दे रहे हैं| करोड़ो के व्यापम घोटाले उजागर करने का शोर मचाने वाले नेता एकाएक चुप हो गये हैं| संविधान जिस न्यायपालिका को सर्वोच्च बताता है, उसके पूर्व जज अपनी बेतुकी टिप्पणी के कारण निन्दित हो रहे हैं| क्या ये पतन कि सीमा नहीं है| 

इस सबमें मजेदार बात यह है कि राजनीतिक संप्रभु अपने प्यादों के अपराधों को अनदेखा ही नहीं कर रहे है| अपराध छिपा रहे, इसके जतन भी कर रहे हैं| जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोयला घोटाले में आरोपी बनाने और कोर्ट की ओर से समन जारी हुआ सियासत गरमा गई। कांग्रेस पार्टी ने मनमोहन सिंह का साथ देने का ऐलान कर दिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की दिल्ली में बैठक हुई। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साफ शब्दों में मनमोहन सिंह को समर्थन की बात कही। सोनिया ने पूरी पार्टी को इस मुद्दे पर एकजुट रहने की बात कही। इतना ही नहीं मनमोहन के मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने एक मार्च भी निकाला। ये मार्च मनमोहन सिंह के घर तक निकाला गया। पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह का नसीब अच्छा है कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष छुट्टी पर है| उन्होंने प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह को नहीं बख्शा था और अब तो मन मोहन सिंह पूर्व हो गये है|

मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले और उसके आगे पीछे छिपे नामों को सब जानते हैं| भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय इकाई चुप है| जब कांग्रेस के दिग्गी डुगडुगी बजाते हैं, तो निर्दोषता के  विज्ञापन निकल आते हैं| दिल्ली में हुई एक बैठक के बाद दिग्गी कि डुगडुगी इन दिनों बंद है| अपनी तरह दो बेनजीर मामले भी इन दिनों हुए राज्यपाल के राज्य में उसके ही खिलाफ मुकदमा और एक पूर्व जज की राज्यसभा द्वारा निंदा| इस सब पर जब कोई मीडिया टिप्पणी करता है तो राजनेता एक स्वर में बोलते हैं :-

जाओ इन कमरों के आईने उठाकर फेंक दो,
बे अदब ये कह रहे हैं, हम पुराने हो गये | 


लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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