जबलपुर। आंसरशीट का वैल्यूएशन करने के बाद बिल पास कराने के लिए प्रोफेसरों को भटकना नहीं पड़ेगा। कॉलेज से ही बिल बनाकर यूनिवर्सिटी को भेजेंगे और 7 के दिन अंदर पैसा खाते में पहुंच जाएगा। दरअसल, पेमेंट अटकने से प्रोफेसरों द्वारा वैल्यूएशन को लेकर हीलाहवाली यूनिवर्सिटी के एकेडमिक कैलेंडर पर भारी पड़ रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जुलाई से ई-पेमेंट करने का निर्णय लिया है। इससे यूनिवर्सिटी के करीब 4 हजार प्रोफेसरों को फायदा होगा।
महीनों नहीं होता भुगतान
यूनिवर्सिटी में आए दिन रिजल्ट को लेकर स्टूडेंट प्रदर्शन करते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी प्रोफेसनल्स कोर्स में आती है। आंसरशीट संभाग के बाहर भेजी जाती है। पैसा देरी से मिलने के कारण प्रोफेसर भी वैल्यूएशन के काम को गंभीरता से नहीं लेते हैं। कई बार तो प्रोफेसर आंसरशीट को महीनों अपने पास ही रखे रहते हैं।
ऐसा होगी सुविधा
वैल्यूएशन के बाद प्रोफेसर अपने बिल क्लेम का फार्म भरेगा। उसमें पर्सनल बैंक नंबर, आईएफएससी कोड दर्ज करना होगा। बिल यूनिवर्सिटी में पहुंचते ही उसे वेरीफाई कर बैंक में भेज दिया जाएगा। 7 दिन के भीतर पैमेंट खाते में पहुंच जाएगी।
बीए प्राइवेट रिजल्ट में देरी की वजह पैमेंट की देरी
बीए प्राइवेट परीक्षा के रिजल्ट में देरी के पीछे वैल्यूएशन वक्त पर नहीं होना था। दरअसल, स्टूडेंट अधिक होने की वजह से प्रशासन ने वैल्यूएशन के लिए आंसरशीट प्रदेश के अन्य यूनिवर्सिटी में भेजी। जहां टीचर बार-बार वैल्यूएशन का पेमेंट मांग रहे थे। इधर गोपनीय विभाग और वित्त विभाग के बीच भुगतान को लेकर तालमेल नहीं बन पा रहा था। वित्त विभाग गोपनीय विभाग के कोआर्डीनेटर को एडवांस राशि लेकर भुगतान का दवाब बना रहा था, जबकि कोआर्डीनेटर बिल के मुताबिक पेमेंट करने की बात कह रहे थे। इस विवाद में टीचरों का पेमेंट अटका और रिजल्ट जारी करने में देरी हुई।
प्राचार्यों की बैठक में ई-पैमेंट की बात उठी थी। हम इस मुद्दें पर पहले से विचार कर रहे थे। जुलाई में होने वाले वैल्यूएशन में ई-पेमेंट की शुरुआत की जाएगी।
दीपेश मिश्रा,उपकुलसचिव, आरडीविवि