विधायक ने बेटे को चपरासी की नौकरी के लिए भेजा, इसे कहते हैं भाजपा के संस्कार

सेंट्रल डेस्क। पहले मध्यप्रदेश में और इन दिनों दिल्ली में भाजपा का जो चेहरा अक्सर सामने आता है, उसे आप नकली भाजपा कह सकते हैं। ये वो अवसरवादी हैं जो लम्बे समय से किसी मौके की तलाश में थे और मौका मिलते ही टूट पड़े हैं। अपने समर्थन में इनलॉजिकल दलीलें भी देते हैं लेकिन भाजपा में असली कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। इन्हीं में से एक हैं 2 बार सांसद रहे एवं वर्तमान में निवाई विधायक हीरालाल रैगर।

राजस्थान के टोंक जिले के निवाई विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक हीरा लाल रैगर के पुत्र ने कल अजमेर में कृषि उपज मंडी में चतरुथ श्रेणी कर्मचारी के पद के लिए साक्षात्कार दिया।

बीजेपी विधायक ने कहा, ‘‘मैं तो तीन विषयों में स्नातकोत्तर हूं और पढ़ाई के लिए स्वर्ण पदक तक ले चुका हूं, लेकिन पुत्र हंसराज पढ़ाई में पिछड़ गया और आठवीं कक्षा तक ही पढ़ पाया. मैं समाज कल्याण विभाग में उप-निदेशक रहा हूं और जानता हूं कि सरकारी नौकरी मिलने से उसका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा, लेकिन वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं सका इसलिए अब इसी तरह की नौकरी के लायक बचा है.’’

उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडी, अजमेर में चतुर्थ श्रेणी पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था, पुत्र ने आवेदन किया और साक्षात्कार के लिए कल उसे बुलाया गया था। हीरा लाल ने कहा, ‘‘पुत्र ने कहा है कि साक्षात्कार अच्छा हुआ है और सफल होने की उम्मीद जताई है.’’

टोंक से दो बार के सांसद हीरा लाल का मानना है कि इंसान को वही काम करना चाहिए जो उसकी क्षमता के अनुरूप हो और उनके अनुसार उनका पुत्र चूंकि कम पढ़ा लिखा है इसलिए इसी तरह की नौकरी के लायक है।

इसे कहते हैं भाजपा के संस्कार, जिसके लिए जो उचित हो वही दिया जाना चाहिए, फिर चाहे वो अपना बेटा ही क्यों ना हो।

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