जबलपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने 84 के दंगापीड़ितों का मुआवजा चुरा लिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि दंगापीड़ित महिलाओं को Ex gratia का भुगतान किया जाए परंतु सरकार ने नहीं किया। अब अवमानना का मामला लगाया गया है, हाईकोर्ट ने मप्र शासन के प्रमुख सचिव गृह व गृह सचिव को नोटिस जारी किए गए हैं। कोर्ट ने 10 अप्रैल से पूर्व जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की है।
मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस आलोक आराधे की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान इंदौर निवासी 68 वर्षीय मंजीत सिंह सलूजा व जबलपुर निवासी 78 वर्षीय गुरुबख्श सिंह कालरा का पक्ष अधिवक्ता रंजीत सिंह ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि 1984 के सिक्ख दंगा पीड़ितों के हक में 16 जनवरी 2006 को हाईकोर्ट ने अहम आदेश सुनाया। इसके तहत जिनके पति या बेटे दंगे में मारे गए उन विधवाओं व माताओं को एक्सग्रेसिया भुगतान करने कहा गया। जब इस आदेश का नियत समयावधि में पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका लगी। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मुआवजा तो दिया गया लेकिन एक्सग्रेसिया काटकर।