शहपुरा/भिटौनी/जबलपुर। नटवारा के एक वेयर हाउस के मालिकों ने धान की 54 हजार 534 बोरियां गायब कर दीं, जिसकी कीमत 2 करोड़ 96 हजार 392 रुपए है। यह धान प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी थीं। यही हाल पूरे मध्यप्रदेश में है। फर्क बस इतना है कि जोड़तोड़ के बाद मामला दबा दिया जाता है। इस मामले में शहपुरा पुलिस ने एक वेयर हाउस के मालिक व उसके कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी शोभना मिश्रा के बताया कि एमपी वेयर हाउस एंड लाजिस्टिक कार्पोरेशन के शहपुरा गोदाम प्रभारी सुरेन्द्र शाक्य ने सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई धान की 54 हजार 543 बोरियां नटवारा के अन्नपूर्णा वेयर हाउस में रखवाई थीं। जब उन्होंने वेयर हाउस में रखी धान को चेक किया तो धान कम पाई। गोदाम प्रभारी श्री शाक्य की रिपोर्ट पर अन्नपूर्णा वेयर हाउस के मालिक संदीप सोनी, कर्मचारी नरेन्द्रसिंह तोमर के खिलाफ धारा 420, 409, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल गोदाम मालिकों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इस तरह पकड़ाया फर्जीवाड़ा
बताया जाता है कि वेयर हाउस मालिकों ने ट्रांसपोटर्स को धान की रसीदें नहीं दी थीं। ट्रांसपोटर्स ने इसकी शिकायत गोदाम प्रभारी से की थी। इसके बाद गोदाम प्रभारी अन्नपूर्णा वेयर हाउस में धान की बोरियों का मिलान किया तो बोरियां कम पाई गईं, तब जाकर थाने में शिकायत की गई।
ऐसे लगा रहे हैं सरकार को करोड़ों की चपत
सूत्रों के मुताबिक वेयर हाउस मालिकों और अधिकारियों की मिलीभगत से हर साल करोड़ों का खेल चल रहा है। बीते वर्षों में भी ऐसे ही मामले सामने आए, लेकिन थाने तक नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी गई करोड़ों का गेहूं और धान को गोदामों में रखवाया गया था। इस गेहूं और धान को गोदाम मालिकों ने बेचकर उसकी जगह घटिया अनाज रखवा दिया।