हरिओम गौड़/श्योपुर। मां के गर्भ में शिशु को मृत बताकर डॉक्टरों ने प्रसूता को रेफर कर दिया, लेकिन श्योपुर से ग्वालियर ले जाते समय बीच रास्ते में उसी प्रसूता ने एंबुलेंस में स्वस्थ बालक को जन्म दिया।
जिस महिला का प्रसव करने में जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए, उसी महिला का प्रसव एंबुलेंस 108 के ड्राइवर व अन्य कर्मचारियों ने करवाया। अस्पताल प्रबंधन अपने डॉक्टरों की गलती मानने की बजाय, तरह-तरह के तर्क देने में जुटा है।
गुरुवार की दोपहर गिरधरपुर निवासी सुनील आदिवासी अपनी 21 साल की गर्भवती पत्नी रूमाली को जिला अस्पताल लाया। चेकअप के बाद डॉक्टरों ने रात 07 बजे तक प्रसव का अंदेशा जताया, लेकिन 08 बजे के करीब प्रसव के दौरा रूमाली की हालत बिगड़ गई।
प्रसव कर रहे डॉक्टरों ने चेकअप के बाद गर्भ में बच्चे की दिल की धड़कन बंद बता दी। यानी बच्चे को लगभग मरा हुआ घोषित कर दिया और ग्वालियर रेफर कर दिया। रात 8ः20 बजे एंबुलेंस 108 से रूमाली व उसके पति को ग्वालियर रवाना कर दिया। देर रात 11:30 बजे तक एंबुलेंस मोहना हाईवे पर पहुंची तक रूमाली को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हुई और उसने बच्चे को जन्म दिया।
एंबुलेंस ड्राइवर व प्रभारी ने कराया स्वस्थ्य प्रसव
पहली बार मां बनी रूमाली का प्रसव कराने में जिला अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। बच्चा बाहर निकलते ही एंबुलेंस को रोका और एंबुलेंस के ईएमटी मनीष नायक व दो ड्राइवरों वीरपाल धाकड़ एवं जितेन्द्र राजावत ने रूमाली का प्रसव कराया। रात 11ः46 मिनट पर रूमाली ने एंबुलेंस में ही पूरी तरह स्वस्थ बालक को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।
लगातार हो रहीं प्रसव में लापरवाही
जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान लापरवाहियां थमने का नाम नहीं ले रही। 20-21 मार्च की रात में जिला अस्पताल में 07 घंटे के अंतराल में दो प्रसव हुए और दोनों प्रसूताओं के नवजातों की मौत हो गई। इसके अलावा कई प्रसूता नर्सिंग स्टाफ द्वारा प्रसूताओं की पिटाई लगाने जैसी शिकायतें अस्पताल प्रबंधन को कर चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
गर्भ में बच्चे की दिल की धड़कन बंद बताकर जिला अस्पताल से रूमाली को रेफर किया गया था, मोहना के पास रात में रूमाली का बच्चा बाहर निकल आया। ऐसे में एंबुलेंस के स्टाफ को प्रसव कराना पड़ा। जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं और ग्वालियर भर्ती करवा दिए हैं।
मनीष नायक
ईएमटी, एंबुलेंस 108 श्योपुर
लीपापोती वाला बयान
बच्चे की दिल की धड़कन बंद होने के अलावा महिला को भी कोई अन्य परेशानी रही होगी। हो सकता है उसका बीपी हाई हुआ हो, मेचिंग का ब्लडगु्रप हमारे पास न हो, इसलिए उसे रेफर किया गया होगा।
एसके तिवारी,
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल श्योपुर
- पत्रकार श्री हरिओम गौड़ श्योपुर में दैनिक नईदुनिया को सेवाएं देते हैं।