नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की आंच अब दिल्ली तक पहुंचने लगी है। भारतीय जनता पार्टी में भले ही इसे लेकर सुगबुगाहट न हो, लेकिन घोटाले के खिलाफ संघ के दो पूर्व प्रचारकों अभय जैन और मनीष काले ने मोर्चा संभाला है। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ कर इन दोनों नेताओं ने जता दिया है कि बीजेपी और संघ के जिन नेताओं के नाम इस घोटाले से जुड़ रहे हैं उन्हें वो आसानी से बख्शने के मूड में नहीं हैं।
व्यापमं घोटाले के खिलाफ आरएसएस के दो पूर्व प्रचारकों ने मोर्चा खोल दिया है इनमें से एक हैं अभय जैन जो संघ के प्रांतीय बौद्धिक प्रमुख रह चुके हैं जबकि मनीष काले पूर्व प्रचारक हैं। इन दोनों का आरोप है कि व्यापमं यानी व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में राजनीतिक और प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों ने नियुक्तियों में गड़बड़ियां कीं। इस घोटाले में राज्यपाल राम नरेश यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत संघ के कई नेता आरोपों के घेरे में हैं। ऐसे में संघ के इन पुराने नेताओं ने व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति बना कर शिवराज सरकार पर सीधा हल्ला बोल दिया।
आरएसएस के पूर्व प्रचारक अभय जैन के मुताबिक हम व्यापमं घोटाले के खिलाफ धरने के लिए आए हैं। हम पीएम और राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे। सवाल ये कि संघ ने जिन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया वो अब शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले क्यों बैठे हैं? इन दोनों नेताओं का दावा है कि वो संघ में जरूर थे, लेकिन शिवराज के साथ कभी नहीं रहे।
वहीं बीजेपी नेता फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बच रहे हैं। जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है। मध्य प्रदेश में व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी, परिवहन आरक्षक, शिक्षक भर्ती जैसी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का आरोप है।
जबलपुर हाई कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि कई मंत्री, नेता और अधिकारी आरोपों के घेरे में हैं। इन दोनों पूर्व प्रचारकों के धरने के पीछे राजनीति चाहे जो भी हो। इस घोटाले की आंच अब केंद्र सरकार तक पहुंचने लगी है।