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सुपारी किलर से कराई व्यापारी पिता की हत्या

इंदौर। सियागंज व्यापारी के बेटे ने ही अपने पिता की हत्या के लिए 25 लाख की सुपारी दी थी। उसने दो गैंग को रुपए दिए थे, जिनमें से एक ने सैफीनगर में गोली मारी। हत्या का मकसद करोड़ों की जायदाद से हिस्सा लेकर लाखों का कर्ज चुकता करना था। पुलिस ने एक गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दूसरी के पांच आरोपी फरार हैं।

एसपी (वेस्ट) आबिद खान ने बताया कि सियागंज के व्यापारी खुजैमा पिता दाऊद निवासी सैफीनगर को 20 मार्च की रात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी थी। वे गंभीर घायल हुए थे। पड़ताल में पता चला कि खुजैमा के बेटे अदनान पर लाखों का कर्ज है। खुजैमा और अदनान के बीच विवाद भी होते रहे हैं। अदनान काम नहीं करता था इसलिए तीन साल पहले खुजैमा ने उसे निकाल दिया था। एक साल पहले अदनान ने प्रेम विवाह किया, तो खुजैमा और नाखुश हो गए। शक के चलते पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिसमें उसने कबूला कि उसी ने गोली मारने के लिए दो गैंग को 25 लाख की सुपारी दी थी।

नुकसान होने पर बढ़ गया कर्ज
अदनान ने दोस्त अली असगर के साथ मिलकर एमसीएक्स व कपड़े का व्यापार शुरू किया था। शुरुआत में कारोबार अच्छा चला, तो उसने फ्लैट और हर्ले डेविडसन बाइक ले ली। नुकसान होने पर वह कर्ज में डूबने लगा। उस पर 75 लाख का कर्ज हो गया था। वह खुजैमा से उनकी 75 करोड़ की जायदाद में से अपना हिस्सा मांगने गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद उसने पिता को रास्ते से हटाने की ठान ली।

एक से काम नहीं बना, तो दूसरी को दिया
खुजैमा की हत्या करवाने के लिए अदनान और असगर ने योजना बनाई। असगर ने अदनान को बताया कि पीपली बाजार में विशाल उर्फ सोनू पहलवान हत्या कर सकता है। दोनों ने सोनू से 25 लाख में सौदा किया। उन्होंने पहले 8 लाख नकद और चार लाख की हार्ले डेविडसन बाइक दी। सोनू ने पुराने साथी राजू दूधवाले को योजना में शामिल किया। राजू मेंटेक्स गोली बनाने की फैक्टरी में पार्टनर था, जिसे पुलिस ने पहले पकड़ा भी था। राजू को उन्होंने एक लाख 20 हजार रुपए के साथ दो एलसीडी दी। राजू ने मोंटी पुरी को हत्या की जिम्मेदारी सौंपी। तब राजू, सोनू और मोंटी अपने दो शूटरों को लेकर खुजैमा की रैकी की, लेकिन वे गोली नहीं मार पाए।

बाबा ने दिखाया दूसरी गैंग का रास्ता
खुजैमा का मुनीम सुरेश यादव भी अदनान से मिला हुआ था। अदनान ने जब उसे बताया कि सोनू पिता को गोली नहीं मार पाया तो सुरेश ने उससे कहा कि निमरानी गांव में एक बाबा तंत्र-मंत्र कर उसकी योजना पूरी कर सकता है। सुरेश और अदनान मिलने गए, तो बाबा ने कहा कि तुम्हारा काम इदरिस खां निवासी धरमपुरी करेगा। उन्होंने इदरिस को 5 लाख में खुजैमा की हत्या की सुपारी दी। इसमें से 30 हजार रुपए एडवांस और एक अल्टो कार दी। इदरिस ने साथी शाहनवाज निवासी चंदन नगर, अब्दुल मनान निवासी गंगानगर और मोहम्मद आसिफ निवासी महू के साथ मिलकर रैकी की, लेकिन वह भी खुजैमा को गोली नहीं मार पाया।

मोंटी की गैंग ने मारी गोली
20 मार्च को सुरेश यादव और अली असगर दुकान के सामने खड़े होकर खुजैमा की लोकेशन मोंटी पुरी और उसके शूटरों को दे रहा था। खुजैमा सैफीनगर पहुंचे तो उन्होंने गोली मार दी। पुलिस ने पड़ताल के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। फिर अदनान, इररिस, शाहनवाज, मो. आसिफ, अब्दुल मनान, विशाल उर्फ सोनू और एक अन्य को गिरफ्तार किया। अली असगर, मोंटी, राजू दूधवाला और उसके शूटर अभी भी फरार हैं। जांच में पता चला कि इररिस ने अदनान को सिकलीगर प्रतापसिंह निवासी गुजरी धानी जिला धार से 15 हजार रुपयों में एक पिस्टल और 23 कारतूस दिलवाए थे। पुलिस ने प्रताप को भी गिरफ्तार किया। उस पर 5 हजार का इनाम था।

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