भोपाल। भोपाल स्टेशन पर आज एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। खुदा का खैर मनाइए कि कुछ नहीं हुआ, लेकिन यदि थोड़ा और कुछ होता तो प्लेटफार्म तोड़कर स्टेशन में घुस जाती दक्षिण एक्सप्रेस।
दरअसल हजरत निजामुद्दीन से आकर हैदराबाद की ओर जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस के मुख्य स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचने पर तेज आवाज होने के कारण हडकंप की स्थिति बन गई। रेलवे सूत्रों के अनुसार पटरी का एक हिस्सा टूटने (रेल फ्रैक्चर) की वजह से ट्रेन गुजरने के दौरान यह स्थिति बनी। उस समय स्टेशन पर डिप्टी स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (ऑपरेटिंग) राजीव चौहान मौजूद थे। उन्होंने इसकी जानकारी इंजीनियरिंग सेक्शन को दी। उसके बाद अस्थाई रूप से रेल पटरी को सुधारकर लगभग 25 मिनट बाद ट्रेन को स्टेशन से रवाना किया गया।
सूत्रों के अनुसार स्टेशन पर गाड़ी की गति धीमी होने की वजह से हादसा नहीं हुआ। यदि प्लेटफार्म की जगह कहीं और रेल फ्रैक्चर हुआ होता और गाड़ी तेज गति से गुजरती तो निश्चित ही बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। भोपाल प्लेटफार्म पर गाड़ी के खड़े होने के बाद टूटी हुई पटरियों को अस्थाई रूप से ठीक किया गया था। बाद में इसे पूरी तरह से ठीक किया गया।
दक्षिण एक्सप्रेस सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर स्टेशन पर पहुंची थी, बाद में इसे 10 बजकर 31 मिनट पर रवाना किया गया। सूत्रों के अनुसार लगातार ट्रैफिक होने और स्टेशन पर पानी भरा होने की वजह से रेल पटरियों के नीचे सीमेंट का सपोर्ट (एपरिन) नीचे धंसने लगा है। इसकी वजह से स्टेशन पर यह स्थिति निर्मित हुई।
सवाल तो यह है कि रेलवे स्टेशन के आसपास मौजूद पटरियों पर फ्रेक्चर तलाश पाने में नाकाम रेल विभाग पर कैसे भरोसा करें कि वो जंगलों में बिछी पटरियों को ठीक रख रहे होंगे। कहीं भगवान भरोसे तो नहीं चल रही भारतीय रेल।