ग्वालियर। ग्वालियर हाईकोर्ट में पदस्थ रहे जज एसके गंगेले के खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया में गति आ गई है, राज्यसभा के 58 सदस्यों ने ग्वालियर की एक पूर्व महिला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में महाभियोग का नोटिस दिया था। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने उसे स्वीकार कर लिया है।
ग्वालियर पीठ में पदस्थ रहे जस्टिस एसके गंगेले अभी मुख्यपीठ जबलपुर में पदस्थ हैं। राज्यसभा की एक बुलेटिन में कहा गया है कि ‘सभापति ने संविधान के अनुच्छेद 217 सहपठित 124 (4) के तहत श्रीमती वान्सुक सिऐम तथा अन्य सदस्यों कुल 58 की ओर से मिले नोटिस को न्यायाधीश जांच कानून 1968 की धारा 3 के तहत स्वीकार कर लिया है। नोटिस पर दस्तखत करने वालों में दिग्विजय सिंह काँग्रेस, सीताराम येचुरी माकपा, डेरेक ओब्रियेन (तृकां), रामगोपाल यादव तथा जया बच्चन सपा तथा सतीष मिश्रा बसपा, अनु आगा और एचके दुआ शामिल हैं।
आगे की प्रक्रिया जांच कमेटी बनेंगी
न्यायाधीश जांच कानून 1968 की धारा 3 के अनुसार स्पीकार लोकसभा या सभापति राज्यसभा यदि नोटिस स्वीकार करते हैं तो आगे की कार्यवाही लंबित रखकर 3 सदस्यों की जांच कमेटी बनायी जायेगी।
इन आरोपों में महाभियोग का नोटिस
1. महिला जज का यौन उत्पीड़न।
2. अनैतिक और अवैध मांग पूरी न करने पर जज को प्रताड़ना।
3. प्रशासनिक जज होने के नाते पद का दुरूपयोग कर महिला जज का ग्वालियर से सीधी तबादला करना।
ये होंगे कमेटी के सदस्य -
1. प्रधान न्यायाधीश तथा सुप्रीम कोर्ट के जज में से कोई एक
2. सदस्य हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों में से कोई एक
3. स्पीकर या सभापति किसी की नजर में कोई ख्यात न्यायविद।
कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर महाभियोग चलाने की दिशा तय होगी। उक्त जज अन्य कई मामलों की बजह चर्चा में ग्वालियर में रहे हैं।