भोपाल। भाजपा के भिंड विधायक नरेंद्रसिंह कुशवाह का रेत खदान मालिक अभिनेंद्र चौहान को हत्या के आरोप में झूठा फंसाने का आॅडियो आने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एक तरफ तो आरोप लगाने वाला अपने दावे पर कायम है कि उसने विधायक को रेत खनन का ठेका चलाने के लिए पैसे दिए, आगे जब नहीं दे पाया तो उसे हत्या के आरोप मे फंसाने की धमकी मिली। वहीं, विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह का कहना है कि चंबल में इतना धमकाना तो चलता है, वह चंबल के लोगों को मूर्ख समझ रहा था।
कई बार पहुंचाए विधायक को पैसे
अभिनेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हमने सिंध नदी पर ओझा सहित चार खदानें, स्टार मिनरल कारपोरेशन से पेटी कांट्रेक्टर के रूप में ली थी। इसके लिए 1 करोड़ रुपए की सिक्योरिटी जमा की थी और 30 लाख रुपए महीने कंपनी को जमा करना था। हम खदान चलाने लगे तो 10-15 दिन में विधायक के आदमी हमारे पास आए और बोले कि आपको विधायक ने बुलाया है। हम विधायक से मिलने गए तो उन्होंने सुविधा शुल्क के रूप में 4 लाख रुपए प्रति महीने मांगे। हमने भी सोचा कि, जब इनके क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो, पैसे तो देने ही होंगे। हमने दो महीने लगातार उन्हें 4 लाख रुपए दिए। ये पैसे हर महीने की 20 तारीख को देना होता था।
पैसे नहीं थे इसलिए नहीं उठाया फोन
दो महीने पैसे देने के बाद तीसरे महीने हम चूक गए। अगले दिन ही विधायक का फोन आ गया। हमारे पास पैसे नहीं थे, इसलिए हम बार-बार फोन काट रहे थे। हमने अपनी परेशानी अपने पार्टनर विजय नारायण को बताई। उन्होंने अपने मोबाइल से बात की जिसकी ये रिकार्डिंग है। उसके बाद भी हमने विधायक को पैसे दिए। 2 लाख रुपए उन्हें और 1 लाख रुपए उनकी पत्नी के हाथ में लेकिन बाद में इन्होंने हमारी खदान पर ही कब्जा कर लिया। ये अक्टूबर की बात है। हम तब से इसलिए चुप रहे कि फरवरी में हमारी सिक्योरिटी मनी वापस मिल जाएगी। लेकिन किश्त न देने के कारण दिसंबर में खदानें भी माइनिंग डिपार्टमेंट को सरेंडर करनी पड़ी। इससे हम बर्बाद हो गए।
हमने तो उसे चंबल की भाषा में समझाया था: नरेंद्र सिंह कुशवाह
आपका धमकी भरा ऑडियो सामने आया है जिसमें आप किसी चौहान को पैसे के लिए मर्डर के केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं?
यह ऑडियो 7 महीने पुराना है। हमारी विधानसभा में सिंध नदी पर ओझा खदान को किसी ने रेत खनन के लिया था। उस खदान मालिक ने इसमें गांववालों को पार्टनर बनाया था। इसके लिए उसने बेरोजगार नवयुवकों से 4-4 लाख रुपए लिए। पार्टनर बनाने के बाद जब पैसों को लेकर विवाद हुआ तो वहां गोलियां चल गई। इससे खदान मालिक भाग गया, बाद में उत्तरप्रदेश के किसी चौहान ने इस खदान को पेटी कांट्रेक्टर के रूप में ले लिया। वह बिना गांववालों को पैसे दिए ही खदान का काम करने लगा था। गांव वाले परेशान होकर मेरे पास आते तो मैं उसे फोन लगाता था, लेकिन वह फोन काट देता था। इससे मुझे लगा कि यह तो भिंड के लोगों को मूर्ख समझ रहा है। इसलिए जब उसका मेरे पास फोन आया तो मैंने चंबल की भाषा में ही उसे समझाया। यहां की तो भाषा ही ऐसी है।
ऑडियो में खुलेआम धमकी दे रहे हैं कि हंटर से मारेंगे और दफा 302 में फंसा देंगे?
यहां इतना धमकाना तो चलता ही है। 302 के केस की बात मैंने इसलिए की थी क्योंकि यदि उसने लोगों के पैसे नहीं दिए तो गोलीकांड तो होगा ही। ऐसे में उसपर दफा 302 लगती।
यदि ऐसा है तो फिर 7 महीने पुरानी ऑडियो अभी क्यों जारी की गई?
मैंने सांसद रामलखन सिंह को विधानसभा के चुनाव में हराया था। यहां पुलिस के टीआई अपने संरक्षण में अवैध रेत का उत्खनन करवा रहे हैं। एक टीआई धनंजय, रामलखन सिंह का रिश्तेदार है। अवैध रेत उत्खनन को लेकर मैंने में प्रश्न भी उठाया था कि इससे राजस्व को घाटा हो रहा है।ऐसे में रेत माफिया का गिरोह मेरे खिलाफ हो गया है और इस तरह की राजनीतिक साजिश रच दी गई।