भोपाल। मप्र में इन दिनों बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। शासन ने पूरी ताकत लगाई है कि परीक्षाओं में नकल ना हो लेकिन यही मप्र शासन मूल्यांकन में चीटिंग कर रहा है। हाईस्कूल के टीचर्स से हायर सेकेण्डरी का मूल्यांकन कराया जा रहा है। अब आप ही बताइए, जिस शिक्षक ने जो विषय और कक्षा कभी पढ़ाई ही नहीं, वो उसका सही मूल्यांकन कैसे कर सकेगा।
पढ़िए यह ईमेल जो एक शिक्षक ने गोपनीयता की शर्त के साथ हमें प्रेषित किया:-
प्रति संपादक महोदय
भोपाल समाचार डॉट कॉम
श्रीमान मै आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि शिवपुरी जिले के उत्कृष्ट विद्यालय मे 18 मार्च से हायर सेकंडरी का मूल्यांकन कार्य शुरु हुआ है। मूल्यांकन कार्य हेतु हायर सेकंडरी मे पढाने वाले शिक्षकों के साथ साथ हाईस्कूल मे पढाने वाले शिक्षकों को भी हायर सेकंडरी के मूल्यांकन मे लगाया गया है। यह सब मूल्यांकन समय पर पूरा करने के लिए किया जा रहा है। शिक्षको के मना करने पर भी उनसे जबरिया मूल्यांकन कराया जा रहा है।
अब आप खुद ही सोचें एक तरफ प्रशासन बच्चों के सर पर डंडा लेकर खडा है कि वह एक अक्षर की नकल न कर लें, वही होनहार छात्रों के भविष्य का फैसला वे शिक्षक कर रहे हैं जिन्होंने कभी उस कक्षा को पढाया ही नही है।
श्रीमान् मै मानता हूं कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और वाली कहावत एकदम सही है। मुझे लगता हैं कि मूल्यांकन का ये तरीका पूरे प्रदेश मे अपनाया जाता है और फिर समय पर मूल्यांकन होने की बात पर एक दूसरे की पीठ थपथपाई जाती है।
श्रीमान से निवेदन है कि वह मेरी पहचान गुप्त रखें।
धन्यवाद
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