Head:- डॉक्टर के इंतजार में तड़प तड़प मर गया मरीज | ये कैसी स्वास्थ्य गांरटी
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डॉक्टर के इंतजार में तड़प तड़प मर गया मरीज | ये कैसी स्वास्थ्य गांरटी

पथरिया/दमोह। हमेशा अखबारों की सुर्खियों में बना रहने वाला स्वास्थ केन्द्र जिसकी कार्यप्रणाली की शिकायत जिला से लेकर प्रदेश तक की लेकिन सुधार कुछ भी नही हो पाता है। पथरिया-लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग का दावा एक बार खोखला साबित हुआ। जब आज सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पथरिया में ग्राम केरबना निवासी डरे पिता ढूडे अहिरवार उम्र 46 वर्ष जब इलाज के लिये आया तो स्वास्थ केन्द्र में एक भी डाक्टर उपलब्ध ना होने के कारण तड़प तड़प के जान निकल गई। जैसे ही घटना की जानकारी मिली तो सीबीएमओं डां अहिरवार तुंरत दमोह से पथरिया पहुंचे। 


सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पथरिया के अंतगर्त पथरिया के अलावा प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र शाहपुर, संदगुवा, जेरठ, बासाकंला सहित कई उप स्वास्थ केन्द्र है। जिनमें प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र संदगुवा में एमडी, बासाकंला व शाहपुर में एमबीबीएस की पदस्थापना है। फिर भी अगर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के डाक्टर छुटटी पर चले जाये तो क्या क्षेत्र में पदस्थ एमडी, एमबीबीएस डाक्टरों की सेवायें स्वास्थ केन्द्र में क्यों नही दी जाती। जबकि जिले में कई जगह ऐसी व्यवस्थायें है। फिर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पथरिया में क्यों नही....................... ?

ये कैसी स्वास्थ्य की गांरटी
कहने को तो मध्यप्रदेश शासन स्वास्थ सेवा की गांरटी की बात करता है। जिसमें उस स्वास्थ केन्द्र के सीबीएमओं, बीपीएम, बीसीएम, की जबाबदारी तय है जिसके बोर्ड भी स्वास्थ केन्द्र में लगे हुये है। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र की गांरटी लेने वाले इन तीन अधिकारी में से एक भी अधिकारी मुख्यालय पर नही रहते सीबीएमओं दमोह, बीपीएम, बीसीएम सागर से अप डाउन करते है। कई बार जिला कलेक्टर से जनता ने मांग कि पथरिया स्वास्थ केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण कर दोषी अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही करें ताकि सुधार हो सकें। लेकिन हर बार आश्वासन मिला।

एक भी फार्मासिस्ट क्यों नही रहते मुख्यालय पर-स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ फार्मासिस्ट एक भी मुख्यालय पर नही रहते सभी अप डाउन संस्कृति को अपनाये हुये है शपथ पत्र देते है कि मुख्यालय पर रहते हैैैै। फिर भी मनमानी क्यों, अगर वह मनमानी कर रहे तो विभागीय अधिकारी कार्यवाही क्यों नही करतें...................?

आखिर जनता को धोखा में रखकर क्यों हो रहा इलाज-विगत एक सप्ताह से स्वास्थ केन्द्र आयुष व आयुर्वेद डाक्टरों के सहारें चल रहा है। जो जनता के साथ धोखा नही तो क्या क्योंकि एक तरफ झोला छाप डाक्टरों पर कार्यवाही होने लगती है कि उसकें पास डिग्री नही है फिर कैसे ऐलोपैथिक दवांई कर रहा है। वही स्वास्थ केन्द्र में आयुर्वेद व आयुष डाक्टर से ऐलोपैथिक दवांई देकर जनता से धोखा नही तो आखिर क्या है। जनता तो स्वास्थ केन्द्र इसी आशा के साथ आती है कि झोलाछाप डाक्टर से बच सके लेकिन वही हाल यहंा है तो कैसे जनता को सही इलाज मिल पायें।  

आक्रोशित जनता ने किया चक्काजाम


परिजनो को न्याय दिलाने के लिये बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा मृतक के शव को संजय चैराहे पर रखकर 2 घण्टे तक चक्काजाम किया। और स्वास्थ विभाग मुरदा बाद, के नारे लगायें। जिसमें जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमति रामबाई सिंह, बृजेन्द्र राव, आशाराम चैधरी, देवीप्रसाद, भूपेन्द्र सोनी, दिनेश चैधरी, भगवानदास चैधरी, मगनलाल चैधरी, गोपाल अहिरवार, काषीराम अहिरवार,हरप्रसाद अहिरवार,सेवाराम अहिरवार,सिद्धनबाई केरबना एवं अन्य सैकडों लोग मौजूद थे।

बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा SDM को दिया ज्ञापन
एसडीएम नंदलाल सामरथ को बताया के मृतक के दो बच्ची और एक लडका है जिस पर उन्होनें कहा की मामले की जांचकर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाये साथ ही मृतक को मुआवजा दिया जाये।

पढ़िए लीपापोती
इस संबध में सीबीएमओ का कहना है कि वह तो पहले ही खत्म हो गया यहा आने के पहले इलाज में कोई देर नही हुई।  
डा. व्ही.पी.अहिरवार 
सीबीएमओ सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पथरिया 

इस संबंध में जिला कलेक्टर का कहना है स्वास्थ्य  केन्द्र में पदस्थ सीबीएमओ व्हीपी अहिरवार से बात करते है।                  
स्वतंत्र कुमार कलेक्टर दमोह 

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