मुंबई की मर्दानी: मनचले को घसीटते हुए ले गई पुलिस थाना

Bhopal Samachar
मुंबई। जब वो शख्स उस लड़की से बद्तमीजी कर रहा था, सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे। सभी उसे देख रहे थे लेकिन मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया। फिर भी वो डरी नहीं निडर होकर उस लड़की ने मनचले का मुकाबला किया। उसे मारा और पकड़ कर घसीटते हुए पुलिस के पास ले गई।


ये वाकया मुंबई में कांदिवली रेलवे स्टेशन पर बुधवार की दोपहर का है। मुंबई के साठे कॉलेज की बीएमएम की छात्रा प्रदन्‍या मांढरे ने बहादुरी की ऐसी मिसाल पेश की है जो दूसरों के लिये सबक बन सकती है।

वो बताती है कि पिता बचपन में ही गुजर गए थे। मां ने ही उसे पाल पोस कर बड़ा किया। ये बहादुरी उसे अपनी मां से ही मिली है। उसने बताया कि रोज की ही तरह बुधवार 18 मार्च को भी वो कॉलेज से छूटने के बाद दोपहर में लोकल ट्रेन से बोरीवली अपने घर जा रही थी। कांदिवली पंहुचने से पहले ये घोषणा होने के बाद कि वो ट्रेन बोरीवली में प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर रुकेगी। कांदिवली में ही उतरने का फैसला किया और दूसरी ट्रेन का इंतजार करने लगी। तभी भिखारी सा दिख रहा एक शख्स पास आकर उसे छूने लगा।

विरोध करने पर भी जब वो नहीं माना तो उसने आव देखा ना ताव उस शख्स पर हमला कर दिया और उसका बाल पकड़ कर घसीटते हुए पुलिस के पास ले गई। हैरानी की बात है कि कांदिवली रेलवे स्टेशन पर मौजूद पुलिस वालों ने आरोपी को हिरासत में तो ले लिया लेकिन लड़की की कोई शिकायत दर्ज नहीं की। अपनी तरफ से उन्होने बॉम्बे पुलिस ऐक्ट की धारा 110, 112 और 117 जैसी धाराएं लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

जानकारों के मुताबिक ये धाराएं ऐहतियातन कार्रवाई के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। हालांकि इस संबंध में जब पुलिस से पूछा गया तो उसका कहना है कि लड़की ने कोई शिकायत नहीं की थी। सिर्फ आरोपी को लाया और ये कहकर चली गई कि आप लोग देख लो। लेकिन उस लड़की की मानें तो ये बात झूठ है। उसने शिकायत देने से मना नहीं किया। लड़की ने बताया, 'जब मैं आरोपी को ले गई तो उन्होंने खुद कहा कि हम देख लेगें। अपना पता और फोन नंबर दे जाओ। जरूरत पड़ने पर अदालत में आना पड़ सकता है। मैंने कहा ठीक है।'

जीआरपी यानी रेलवे पुलिस कमीश्नर रवींद्रकुमार सिंगल का कहना है कि जरूरत पड़ी तो लड़की का बयान लेकर नई धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम कुबेर शीतलाप्रसाद चौहान है। वो नशेड़ी है और स्टेशन के आसपास ही पड़ा रहता है। बहादुर छात्रा की सहेली ने बताया कि पहले भी एक मामले में पुलिस का रवैया टालमटोल का रहा है।

उस दिन विश्व महिला दिवस था। बोरीवली में कुछ लड़कों ने अश्लील फब्ती कसी थी, तब उसने फोन कर पुलिस को बुलाया था। जब तक पुलिस आयी लड़के भाग चुके थे। वो उनके साथ बोरीवली पुलिस स्टेशन गई लेकिन पुलिस ने एनसी तक नहीं लिया। ज्यादा जोर देने पर नाम, पता और फोन नंबर लेकर ये कह कर चलता कर दिया कि अब हमे काम करना मत सिखाओ। हैरानी की बात है कि अक्सर इस तरह के हालात में चुप रहने वाली लड़कियां अब खुलकर मुकाबला कर रही हैं। लेकिन तमाम घटनाएं बता रही हैं कि पुलिस अब भी ऐसे मामलों को लेकर संजिदा नहीं है।

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