मुफ्ती को मिला संघ का समर्थन

नागपुर। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में स्पष्ट किया गया है कि आतंकियों की रिहाई के आरोपी कश्मीर के सीएम मु​फ्ती मोहम्मद सईद को मौका दिया जाना चाहिए। आरएसएस का मानना है कि अब तक जो हुआ वो 'शुरूआती समस्याएं' हैं लेकिन इस पर फिलहाल निर्णय नहीं लिया जा सकता। कुल मिलाकर आरएसएस फिलहाल मुफ्ती मोहम्मद के साथ है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। संघ ने साथ ही जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी में पैदा हुए मतभेद को ‘शुरुआती समस्याएं’ बताते हुए जोर देकर कहा कि इस ‘नए प्रयोग’ को सफल होने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए।

संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने संघ के शीर्ष निकाय की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन कहा, ‘अनुच्छेद 370 पर संघ का रुख बदला नहीं है, हम इस मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम स्थिति सुधारना चाहते हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो हम निर्णय लेंगे।’

जम्मू कश्मीर में पहली बार सरकार में शामिल भाजपा के पीडीपी के साथ गठबंधन में कुछ ही समय में मुश्किलें सामने आने के संबंध में होसाबले ने कहा कि हालांकि संघ इन घटनाओं से ‘खुश नहीं है’ लेकिन ये ‘शुरुआती समस्याएं’ हैं।

उन्होंने संघ के निर्णय लेने एवं नीति निर्माण करने वाले शीर्ष निकाय ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ के नागपुर में हो रहे चिंतन सत्र के तत्काल बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही। होसाबले ने कहा, ‘देश नाराज है। हमें नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है वह सही है लेकिन हमें यह निष्कर्ष नहीं निकाल लेना चाहिए कि सरकार असफल हो गई है।’

होसाबले ने कहा, ‘यह एक नया प्रयोग है। राष्ट्रीय स्तर की कोई पार्टी जम्मू कश्मीर में इस स्तर पर कभी नहीं पहुंची है। ये शुरूआती समस्याएं हैं। हमें इस प्रयोग को सफल होने के लिए समय और मौका देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यदि गठबंधन सफल होता है तो यह अच्छा होगा। सत्ता में रहकर जम्मू कश्मीर जैसे राज्य में चीजें सही करने के एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रयास की सफलता के लिए यह आवश्यक है। देश और विदेश में, हमारे पड़ोसियों को यह संदेश जाना चाहिए कि इस प्रकार का प्रयास किया जा रहा है।’

होसाबले ने जोर देकर कहा कि राज्य में गठबंधन की सहयोगी पार्टियों को ‘गठबंधन धर्म’ निभाना चाहिए और पूरी तरह आपसी सहयोग से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने अपने मतभेदों को कम किया है और ‘शासन के लिए एक एजेंडा’ बनाया है जो उनके समान हितों को दर्शाता है।

होसाबले ने कहा, ‘यह सोचना सही नहीं है कि केवल कुछ समस्याओं के कारण गठबंधन समाप्त कर दिया जाना चाहिए। दोनों दलों को यह निर्णय लेना है कि क्या वे मिलकर सरकार चला सकते हैं। हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर का मुद्दा गठबंधन के दो दलों का नहीं है।.. यह राष्ट्रीय भावनाओं से जुड़ा है। जम्मू-कश्मीर में जो हुआ, उस पर भाजपा और प्रधानमंत्री दोनों ने अपनी असहमति जताई है।’

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