भोपाल। ये निर्णय यदि मनमोहन सिंह सरकार करती तो अपने शिवराज सब छोड़छाड़ के धरने पर बैठ जाते। अखबारों के फ्रंट पेज पर मप्र से अन्याय की खबरें छपी मिलतीं। दैनिक भास्कर नो निगेटिव न्यूज के बावजूद सोमवार को इसे छाप देता परंतु क्या करें मोदीजी की सरकार है, व्यापमं की तलवार है सो मप्र का हित कौन देखे।
मामला यह है कि मप्र के हिस्से में आने वाला एक कोयला ब्लॉक जम्मू-कश्मीर सरकार को देने का फैसला किया गया है। मोदी सरकार ने यह निर्णय कश्मीरियों को लुभाने और अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए किया है लेकिन मप्र की जनता को इसकी कीमत चुकानी होगी। कोयला ब्लॉक ना होने की स्थिति में निर्भरता बढ़ेगी और बिजली के दाम बढ़ जाएंगे।