उपदेश अवस्थी/भोपाल। सरकारों से मदद की उम्मीद मत कीजिए, अब समाज को 57 से पहले वाले तरीकों से ही चलाया जा सकता है। एक दूसरे को अवेयर कीजिए, अपने सुरक्षा इंतजाम खुद कीजिए। मेडिकल माफिया की मजबूत पकड़ के चलते मप्र की सरकार नहीं चाहती कि स्वाइन फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों को फैलने से रोका जाए इसलिए वो मिसगाइड किया करतीं हैं।
उनका हर आखरी प्रयास होता है कि बीमारियां फैलें और लोग इलाज के लिए डॉक्टरों के पास जाएं, छोटे शहरों के डॉक्टर उन्हें बड़े शहरों के प्राइवेट अस्पतालों में रिफर करें, क्योंकि इसी में छिपा है करोड़ों का कारोबार। होटलों से ज्यादा लक्झरी होते जा रहे हैं मप्र के प्राइवेट हॉस्पिटल, इलाज कम दूसरे खर्चे ज्यादा होते हैं और जांच के नाम पर तो परिजनों के कपड़े तक नौंच लिए जाते हैं।
यदि आप स्वाइन फ्लू से बचना चाहते हैं और पूरे समाज को एक साथ बचाना चाहते हैं कि होलिका दहन के समय जब आप परिक्रमा के लिए जाएं तो एक ग्राम कपूर साथ ले जाएं व होलिका को समर्पित करें। यह शुभदायक होगा। यह एक अचूक टोटका भी है। इससे सारी बुरी बलाएं आपसे दूर हो जाएंगी और इसी के साथ मर जाएगा स्वाइन फ्लू का वायरस भी।
इसके अलावा अपने कूलर में पड़ी पुरानी टटियां इस होली में जला डालें। यदि आप ऐसा कर देंगे तो आने वाले डेंगू का खतरा पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। नई टटियां तो 100 या 200 रुपए में आ जाएंगी, लेकिन जरा सोचिए, यदि परिवार में किसी एक को भी डेंगू हो गया तो खर्चा कितने का होगा। बचाव का यह उपाय काफी सस्ता है। कृपया जरूर अपनाएं।
अपील
इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा फारवर्ड करें ताकि गांव गांव तक पहुंच सके और लोगों की स्वाइन फ्लू व डेंगू के राक्षसों से रक्षा की जा सके।