पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेसकर ने शुकवार को अपने बयान में बड़े जानवर (गोमांस) को राज्य के अल्पसंख्यकों के भोजन का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने इस बाबत पशु अधिकार कार्यकर्ताओं से अपील है कि अल्पसंखयकों की जरूरत को देखते हुए वे लोग गोमांस आयात करने के खिलाफ अपने आंदोलन के सुर को धीमा करें।
सीएम पारेसकर ने सभी कार्यकर्ता इस मुद्दे पर शांति बनाए रखने के लिए कहा है । मुख्यमंत्री की मुश्किल यह है कि सत्ताधारी दल का एक विधायक भी राज्य में गोवध रोके जाने की मांग करने वालों में शामिल है।
हालांकि मुख्यमंत्री मांस के गैरकानूनी मांस की खेप और पशु अधिकारों के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि यदि ऐसी कोई घटना होती है तो कार्यकर्ता पुलिस दल के साथ छापा मारें।
विधानसभा मे दो पशु अधिकार कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की चर्चा भी की गई। गैौरतलब है कि कार्यकर्ताओं पर हमला उस वक्त किया गया जब वे उत्तरी कर्नाटक के बेलगाउम से गोवा मंगाई गई खेप पर छापा मारने गए थे।
पारेसकर ने यहां चर्चा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों को ब़डे के मांस की जरूरत है। यदि आप पड़ोसी राज्यों से आयात होने वाला बड़ा मांस सुनिश्चित कर सकते हैं तो मेहरबानी करके देखिये। ये गोवा के निवासी हैं और बड़े जानवरों का मांस इनके भोजन का अहम हिस्सा है।
यहां चर्चा के दौरान सत्ताधारी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक लावु मामलेदार ने मांग की है कि गोवा में गाय वध पर पाबंदी लगा दी जाए।