ग्वालियर। जिस श्रीधाम एक्सप्रेस में मप्र के वित्तमंत्री जयंत मलैया को लूटा गया वो ट्रेन आधे घंटे तक हथियारबंद डकैतों के कब्जे में रही। डकैत इत्मिनान से लूटपाट करते है। एसी फर्स्ट बोगी से 3 बार चेन पुलिंग की गई लेकिन कोई मदद नहीं आई। जब बदमाश चले गए तब पुलिसफार्स आई।
तलवार, कट्टे हाथ में लिये नकाबपोश डकैत जबलपुर-निजामुद्दीन श्रीधाम एक्सप्रेस में करीब आधा घंटे तक तीन-चार कूपों में दरवाजे खुलवाकर लूटपाट करते रहे। वकील अभिजीत ने दो बार चैन पुलिंग की, गाड़ी हर बार रूकी, लेकिन आरपीएफ जीआरपी कोई स्टाफ नहीं आया। इसका फायदा उठाकर बदमाश लूटपाट करते रहे। जब डकैत फरार हो गये, तब आरपीएफ के जवान आये।
कूपे का दरबाजा रात्रि 3:30 बजे जोर से खटकने पर रेल स्टाॅफ समझकर एड्वोकेट श्रोत्रिय ने दरवाजा खोल दिया। सामने हथियारों के साथ बदमाश खड़े थे, बाहर श्री मलैया वित्त मंत्री और अभिजीत ठाकुर एड्वोकेट के कूपे पर भी बदमाश खड़े थे, अभिजीत ने खतरा भांपकर गेट नहीं खोला और अंदर से चैन पुलिंग की परंतु आरपीएफ के जवान चैन पुलिंग होने पर भी डिब्बे में नहीं आये। बदमाशों ने वित्त मंत्री तथा उनकी पत्नी व अन्य यात्रियों से लूटपाट के बाद लाइट बंद कर शोर न मचाने को कहा और उसको बाद भाग निकले।
जबलपुर हाईकोर्ट के सीनियर वकील एपी श्रोत्रिय की सोने की चैन, नगद रूपये एड्वोकेट अभिजीत ठाकुर का सेमसंग एस-3 मोबाइल 1.30 लाख कीमत का ब्रषलेट, गोल्ड चैन, सेमसंग का टेबलेट, 11 हजार नगद लूट ले गये।
झांसी से मथुरा के बीच में आरपीएफ, जीआरपी में सामंजस्य से अभाव और झांसी में चर्चाओं के अनुसार कुछ पुलिसकर्मियों का संरक्षण होने से 270 कि.मी. के इसी एरिये में ज्यादा घटनाएं होती हैं। यूपी एमपी से सटे इलाकों में अपराध कर अपराधी भाग जाते हैं। कुछ दिनों पुलिस सक्रियता बरतती है। रेलों में गश्त की बजाय जीआरपी/आरपीएफ के जवान बर्थ घेरकर सोते हुये मिलते हैं। कई बार झांसी में यूपी एमपी की बैठक अधिकारियों की हो चुकी है परंतु नतीजा जीरो है। पिछले वर्ष मई माह में तमिलनाडु एक्सप्रेस में डबरा कोटरा के बीच लूटपाट का कोई सुराग नहीं लगा, इसी के कुछ दिन बाद गोवा एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस, श्रीधाम एक्सप्रेस, बंगलोर राजधानी एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में बारदातें हुई हैं, जो अभी तक बेसुराग हैं।