सेंट्रल डेस्क। अंतत: सोशल प्रेशर काम आ ही गया। कर्नाटक सरकार को ना चाहते हुए भी आईएएस रवि की मौत की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी। अब सीबीआई तलाशेगी आईएएस डीके रवि की मौत का कारण।
याद दिला दें कि आईएएस डीके रवि ने मााफिया के खिलाफ अभियान शुरू किया था। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। कर्नाटक पुलिस का दावा है कि यह आत्महत्या है, परंतु रवि को नजदीक से जाानने वालों का कहना है कि डीके रवि कभी आत्महत्या कर ही नहीं सकते। श्री रवि एक मिडिल क्लास फैमिली से आते थे। इसलिए आम नागरिकों ने उनकी मौत पर सीबीआई जांच की मांग जोरदारी से उठाई। बाद में आईएएस एसोसिएशन एवं कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने भी लोगों की मांग का समर्थन किया।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि मैं रवि के माता पिता की भावनाओं को समझता हूं, हम जनता की भावनाओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सच सामने आए और दोषियों को दंड मिले। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कभी भी मामले पर लीपापोती नहीं करना चाहती थी और न ही उसका किसी को बचाने का इरादा था। उन्होंने कहा, हम जनशक्ति में विश्वास करते हैं। हम जनता की भावनाओं का सम्मान करने में यकीन करते हैं।
सिद्धारमैया इस मामले में जन आक्रोश का सामना कर रहे थे और सीबीआई जांच की मांग बढ़ती जा रही थी। बहादुर अधिकारी के रूप में प्रसिद्ध और बालू तथा भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने वाले तथा कर चोरी के आरोपियों पर शिकंजा कसने वाले 35 वर्षीय रवि के परिवार ने मामले में गड़बड़ी का संदेह जताया था और सीबआई जांच की मांग की थी।
विपक्षी भाजपा और जनता दल एस ने सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान छेड़ दिया था और साथ में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन भी हो रहे थे। पुलिस ने मामले में प्रथम दृष्टया आत्महत्या का संदेह व्यक्त किया था।