सिंगरौली। शासन के सख्त आदेशों के बावजूद दिल्ली पब्लिक स्कूल ने किताबों की दुकान लगा दी है और छात्रों को उसी निर्धारित दुकान से किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रशासनिक जांच में इस गोलमाल को पकड़ भी लिया गया है लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है।
मप्र के सिंगरौली जिले के विन्ध्यनगर में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल ने मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए स्कूल के पास ही वीवा क्लब में खुले आम किताब बेचना शुरू कर दिया है। अभिवावक और स्कूल के बच्चों को वहीं से किताब लेने के लिए मजबूर भी कर रहे है। दिल्ली पब्लिक स्कूल के द्वारा पूरी किताब बेचने का ठेका स्टूडेंट मार्ट नाम की दुकानदार को दे दिया गया है।
मीडियाकर्मियों ने जब उस किताब बिक्रेता से बात करनी चाही तो मीडिया कर्मी के देख कर दरवाजा बंद करने लगा लेकिन उसके बाद उसने बताया की हम हर साल स्कूल के लिए किताब बेचते है स्कूल के द्वारा ही हमें यहाँ पर बेचने के लिए रखा गया है।
वही मौके पर मौजूद स्कूल के छात्र से बात की तो उन्होंने बताया की हमें स्कूल के द्वारा ये बताया गया है की किताब सिर्फ वही मिलेगी तो हम लेने आये है।
इस मामले में SDM सिंगरौली ने बताया की फ़ोन से हमें जानकारी मिली थी की वह पर किताब बेचीं जा रही है जिसके बाद मैंने DPC को भेज कर जाँच कराई। जानकारी सही पाई गई है। मौके का पंचनामा बना लिया गया है और जो भी सही कार्यवाही होगी की जाएगी।
सिंगरौली जिला उद्योगिक जिला है। यहाँ पर बड़े ब्रांड्स के 30 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल की साखाएं संचलित है और यहाँ पर किताब और स्कूल ड्रेस में बड़ा कमीशन का खेल लम्बे समय से चल रहा है। इस बार भी मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी इन स्कूल में कोई अंकुश ना लगन ये साफ़ बताता है की जिला कलेक्टर इन स्कूल पर कोई बड़ा कदम नहीं उठाना चाह रहे है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। अब ये देखना है के कब जिला प्रशासन इस पर पर रोक लगाता है।