जबलपुर। जिला उपभोक्ता फोरम ने गोरा बनाने की दवा बनाने वाली कंपनी के दावे के गलत साबित होने पर जुर्माना लगा दिया। इसके तहत मेसर्स एलएचसी को उपभोक्ता छाया विश्वकर्मा के हक में एक माह के भीतर दवा की कीमत 2290 रुपए का भुगतान करने कह दिया गया। मानसिक पीड़ा के एवज में 1 हजार रुपए व वाद-व्यय बतौर 1 हजार रुपए अलग से देने कहा गया है। कुल रकम 4290 रुपए 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदिका का पक्ष अधिवक्ता ओपी यादव ने रखा। उन्होंने दलील दी कि हरियाणा गुड़गांव की कंपनी मेसर्स एलएचसी फेयर लुक नामक दवा बनाती है। उसने लुभावना विज्ञापन दूरदर्शन के जरिए प्रसारित कराया। जिसमें दावा किया गया कि उनकी दवा के इस्तेमाल से काला रंग एकदम गोरा हो जाएगा। जब दवा खरीदी गई तो कोई असर नजर नहीं आया। लिहाजा, सेवा में कमी व छल के खिलाफ केस दायर कर दिया गया।