भोपाल। आज भी समाज के कई सारे लोग GOOGLE का ठीक से उपयोग करना नहीं जानते और कई बार गलत उपयोग करने के कारण नुक्सान उठाते हैं। एक इंजीनियर ने तो पूरे परिवार की हत्या कर डाली, क्योंकि उसे विश्वास था कि उसके पूरे परिवार को एड्स हो गया है। यह अनुमान उसने GOOGLE पर एड्स के बारे में उपलब्ध जानकारियों के आधार पर लगाया था।
क्या आईआईटी पासआउट इंजीनियर इतना बेवकूफ हो सकता है ? अब केवल यही सवाल हवा में गूंजता शेष रह गया है। इंजीनियर के पूरे परिवार की मौत हो चुकी है और परिवार की हत्या के आरोप में इंजीनियर जेल में है।
प्रवीण छतरपुर जिले के बरेठी सुपर थर्मल पावर में सिविल इंजीनियर है। छतरपुर की जिस पैथोलॉजी लैब में एड्स की जांच का दावा कर रहा है, उस लैब मालिक का कहना है कि उसके यहां एड्स की जांच ही नहीं होती। वहीं, मुलताई पुलिस ने भी उसका एलिसा किट टेस्ट कराया, जिसमें उसके एड्स होने की पुष्टि नहीं हो पा रही।
पैथोलॉजी में तो एड्स की जांच ही नहीं होती
प्रवीण ने जिस एड्स के संदेह के आधार पर 3 मार्च को अपनी पत्नी और दो बच्चियों को कार में जला दिया था, उसे एड्स ही नहीं पाया गया। वहीं प्रवीण अभी भी इस दावे पर कायम है कि छतरपुर की जिस पैथोलॉजी में उसने एचआईवी की जांच कराई थी, उसमें वह पॉजिटिव था। पैथोलॉजी के मालिक महेश अवस्थी का कहना है कि हमारे यहां तो एचआईवी की जांच ही नहीं होती। हमारी दुकान मेन रोड पर है, हो सकता है कि उसने बोर्ड देखकर नाम रट लिया हो। हमें भी अखबार में देखकर ही पता लगा कि किसी इंजीनियर ने अपनी पत्नी और दो बच्चों का जला दिया है और वह एड्स का रोगी बता रहा है जिसने उसकी पैथोलॉजी पर जांच करवाई है।
गूगल में सर्च किए लक्षण, मान लिया हो गया एड्स
बैतूल पुलिस के अनुसार, प्रवीण ने बताया था कि उसने 6 महीने पहले छतरपुर की अवस्थी पैथोलॉजी में एचआईवी का टेस्ट कराया था जिसमें वह पॉजिटिव निकला। उसके बाद उसने गूगल में जानकारी ली। उसमें एड्स के लक्षण अल्सर और कम वजन होना था। प्रवीण को अल्सर भी था और उसका वजन भी कम हो रहा था। एक महीने पहले उसकी पत्नी के भी यही सिस्टम्स नजर आने लगे। तब उन्होंने सोचा कि पूरी फैमिली को एड्स हो गया है। इसके बाद सबने एक साथ मरने की सोची। सुसाइड करने से पहले वह अमरावती अपने घर आए और लौटते में सदाप्रसन्न घाटी में गाड़ी में आग लगा ली। इसमें वह खुद तो बच गया लेकिन पत्नी और दोनों बच्चे जलकर मर गए।
तीन बार हुआ 'मौत के इम्तिहान' में 'फेल'
प्रवीण ने पूरी गाड़ी में पेट्रोल डाला और आग लगा दी। जब उसने अंदर घुसने की कोशिश की तो आग तेज हो गई। वह आग में अंदर जा नहीं पाया। उसके बाद उसने वहीं पेड़ पर फांसी से लटकना चाहा तो शर्ट फट गई। उसके बाद वह ट्रेन में बैठकर नागपुर गया और ट्रेन से कूदना चाहा लेकिन कूद नहीं सका। मुंबई के एक होटल में पंखे से लटककर फांसी लगाने की कोशिश की तो पंखा ही टूट गया। तब थक हार कर वह महाराष्ट्र के परतवाड़ा में पुलिस के सामने सरेंडर करने की कोशिश की तो परतवाड़ा पुलिस ने उसे मुलताई जाने को कह दिया। उसके बाद वह अमरावती अपने दोस्तों से मिला और ये स्टोरी सुनाई। तब उसके दोस्त और रिश्तेदारों ने उसे पुलिस के सामने सरेंडर करने को कहा। तब प्रवीण ने 9 मार्च को मुलताई पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।
रेडलाइट एरिया में जाता था, इसलिए शक हो गया पक्का
प्रवीण ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग पास की है। दिल्ली में रहने के दौरान ही उसे रेडलाइट एरिया में जाने का चस्का लग गया। उसके बाद उसकी शिल्पा से शादी हो गई और उससे दो बच्चे हुए। छतरपुर में काम करने के दौरान भी वह दिल्ली जाता रहता था। यही कारण है कि जब उसे अल्सर हुआ और वजन कम होने लगा तो उसे पक्का यकीन हो गया कि उसे एड्स है। एक महीने पहले पत्नी में भी इसी तरह के सिस्टम्स दिखाई देने लगे तो उसे लगा कि पूरे परिवार को ही एड्स हो गया है और अब जीने का कोई मतलब नहीं है।