भोपाल। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) साल 2016 तक सीए करिकुलम में बदलाव की तैयारी कर रहा है। यह चेंजेस सीए करिकुलम को और भी अधिक स्टूडेंट फ्रेंडली और प्रैक्टिकल बनाने के लिए किए जा रहे हैं। इसके लिए कमेटी ऑफ रिव्यू एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सिलेबस को अंतिम रूप देने से पहले देशभर के सीए चैप्टर्स से सुझाव मांग रही है ताकि आपसी सहमति से फाइनल सिलेबस पर काम शुरू हो सके।
इसके तहत एंट्री लेवल (सीए-सीपीटी) से लेकर सीए फाइनल तक में बदलाव किए जाने हैं। नई योजना के तहत जो सब्जेक्ट कम महत्व के रह गए हैं, उन्हें हटाकर नए सब्जेक्ट्स को जोड़ने का प्रस्ताव है। वहीं, कुछ सब्जेक्ट को एक विषय की बजाए दो विषयों में बांटने का प्रस्ताव भी इसमें शामिल किया गया है।
भोपाल चैप्टर की ओर से सीए-सीपीटी पर प्रस्तावित बदलाव को ठीक माना जा रहा है, इसके अंतर्गत सीए-सीपीटी एंट्रेंस एक्जाम में जनरल इंग्लिश और बिजनेस कम्युनिकेशन के पेपर भी हों। फिलहाल सीए-सीपीटी में एकाउंटिंग, मर्केंटाइल लॉ, इकोनॉमिक्स और मैथ्स का ही पेपर होता है। वो भी पूरी तरह से ऑब्जेक्टिव। प्रस्ताव यह भी है कि पेपर में 10-20% हिस्सा डिस्क्रिप्टव भी हो, ताकि विषय को लेकर स्टूडेंट्स की समझ भी परखी जा सके।
नए प्लान में बढ़ सकता है समय
सीए-इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (आईपीसीसी) के लिए अभी तक सीए-सीपीटी पास करने के बाद नौ महीने का समय मिलता है। नए प्लान में यह समय बढ़ाकर 12 महीने किया जाना है। इसी तरह कॉस्ट अकाउंटिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट को दो अलग-अलग विषय के रूप में लिया जा सकता है।