मेलबर्न। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि भारत को विश्व कप में जिताने के लिए षडयंत्र किया जा रहा है। भारत-बांग्लादेश मैच के दौरान अंपायरिंग का स्तर बहुत खराब था और किसी मैच में इतनी ज्यादा मानवीय भूल (12 फैसले) नहीं हो सकती है।
बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल ने कहा कि उन्होंने इस मामले की शिकायत आईसीसी के सीईओ से की है और वे अगली मुलाकात में इस मामले में को आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन से करेंगे। उन्होंने कहा- भारत-बांग्लादेश मैच के दौरान मेलबर्न स्टेडियम की विशाल स्क्रीन पर 'जितेगा इंडिया' किस तरह लिखा हुआ दिखाया जा रहा था, जबकि स्क्रीन पर स्वामित्व आईसीसी का होता है और किसी एक टीम के पक्ष में इस तरह कैसे दिखाया जा सकता है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के पूर्व अध्यक्ष मुस्तफा ने कहा कि वे सीधे यह नहीं कह रहे है कि अंपायरिंग पक्षपातपूर्ण थी, लेकिन किसी एक मैच में इतने ज्यादा गलत निर्णय कैसे हो सकते हैं। अंपायरों से मानवीय भूल हो सकती है, लेकिन इतने ज्यादा फैसले एक ही मैच में कैसे गलत हो सकते है, इससे साजिश की बू आ रही है। एक ही मैच में 10-12 गलत फैसले कैसे हो सकते हैं।
इन निर्णयों पर उठी उंगलियां :
अंपायर की 'नो बॉल' महंगी पड़ी बांग्लादेश को
भारतीय पारी में रोहित 90 रन पर खेल रहे थे तब रूबेल हुसैन की फुलटॉस पर उन्होंने मिडविकेट पर कैच थमा दिया था, लेकिन अंपायर ने गेंद को कमर की ऊंचाई पर मानकर नोबॉल करार दिया, जबकि टीवी रिप्ले के अनुसार यह फुलटॉस कमर की ऊंचाई के उपर नहीं दिख रही थी। आमतौर पर इस तरह के करीबी मामलों में नोबॉल का इशारा स्क्वेयर लेग अंपायर करता है, लेकिन इस बार मुख्य अंपायर इयान गाउल्ड ने यह निर्णय दिया। बांग्लादेश के पास डीआरएस रैफरल मौजूद नहीं था, इस वजह से वे इस निर्णय को नहीं बदलवा सके।
रैना का LBW का करीबी फैसला
बांग्लादेश को दूसरा झटका उस समय लगा जब 34वें ओवर में सुरेश रैना के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की गई। गेंदबाज मुशर्रफ ने अंपायर से अपील की लेकिन उन्होंने इसे नॉटआउट करार दिया। इसके बाद गेंदबाज मुशर्रफ तुरंत इसे थर्ड अंपायर के पास रेफरल के लिए भेज दिया जहां रिप्ले में देखने पर लगा कि बॉल की ज्यादा हिस्सा उस स्थान पर था जिससे रैना का आउट दिया जा सकता था लेकिन थर्ड अंपायर ने इस मामले में निर्णय बल्लेबाज के हक में दिया। इसका परिणाम बांग्लादेश को भुगतना पड़ा और रैना की 65 रनों की पारी ने भारत को एक बड़ा लक्ष्य हासिल करने में सफलता दिला दी।
महमदुल्लाह के आउट का निर्णय
तीसरा झटका बांग्लादेश को उस समय लगा जब भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी की गेंद को बांग्लादेश के बल्लेबाज महमदुल्लाह ने जैसे ही पुल किया, शिखर धवन ने इसे लांग लेग पर कैच कर लिया। इस गेंद को कैच करने के बाद धवन जैसे ही बाउंड्री में जाते, इससे पहले ही उन्होंने गेंद को दोबारा उछाल दिया और बाउंड्री के अंदर आकर कैच किया। जिस वक्त उन्होंने गेंद उछाली, उनका पैस बाउंड्री से इंच भर की दूरी पर था। लेकिन थर्ड अंपायर ने इसे आउट करार दे दिया। वैसे टीवी रिप्ले देखने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि उनका पैर बाउंड्री लाइन को छआ था या नहीं।