सेंट्रल डेस्क। इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन (आईसीसी) का दोहरा रवैया सामने आया है। रविवार को वर्ल्ड कप जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया को नकली ट्रॉफी दी गई थी लेकिन सोमवार को आईसीसी ने पांचवीं बार वर्ल्ड कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को जश्न मनाने के लिए असली कप दे दिया।
जबकि भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप-2011 जीता था तो उसे 'रेप्लिका' यानी असली ट्रॉफी जैसी दिखने वाली नकली ट्रॉफी ही सौंपी गई थी। तब नियमों का हवाला देकर कहा गया था कि विजेता टीम को नकली ट्रॉफी दी जाती है और असली ट्रॉफी को आईसीसी अपने पास रखती है। लेकिन सोमवार को जश्न मनाती ऑस्ट्रेलियाई टीम के हाथों में असली ट्रॉफी देखकर साफ हो गया कि भारतीय टीम के साथ 2011 में अन्याय हुआ था।
ऑस्ट्रेलियाई टीम के हाथ में था असली कप
असली ट्रॉफी के नीचे के हिस्से (यानी बेस) पर सिक्के जैसी डिजाइन होती है, जिस पर वर्ल्ड कप विजेता टीमों के नाम अंकित होते हैं। जबकि रेप्लिक का बेस काला होता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम के जश्न की फोटोज में साफ-साफ देखा जा सकता है कि उनके हाथ में जो ट्रॉफी है, वह असली है। ट्रॉफी के बेस में सिक्के जैसा निशान मौजूद है, जबकि आईसीसी के चेयरमैन एन. श्रीनिवासन ने चैम्पियन बनने पर जो ट्रॉफी कप्तान क्लार्क को थमाई थी, उसका बेस काला था।
वर्ल्ड कप-2011 में हुआ था विवाद
वर्ल्ड कप-2011 जब भारतीय टीम विजेता बनी थी तो उसे काली बेस वाली रेप्लिका ही दी गई थी। यह बात सामने आते ही मीडिया ने काफी जोरशोर से आईसीसी पर सवाल उठाए थे। उस समय आईसीसी ने सफाई देते हुए कहा था, "विजेता टीम को जश्न के लिए 'रेप्लिका' यानी डुप्लीकेट ट्रॉफी ही दी जाती है।"