इंदौर। व्यापमं घोटाले के संदर्भ में मालवा-निमाड़ के 70 से ज्यादा प्रतिभागियों ने राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। मंगलवार को लिखे पत्र में कहा गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं कर सकती है तो फिर सरकारी पद सीधे नीलामी से बेचे जाएं।
रतलाम की सुनीता जैन की अगुआई में पीएससी के खिलाफ विरोध की चिट्ठी अभियान शुरू किया गया है। सुनीता ने पीएससी द्वारा महिला आरक्षण में मनमानी का खुलासा किया था। आयोग ने वर्षों तक महिला आरक्षण लागू नहीं करते हुए सामान्य मेरिट में आई महिला प्रतिभागियों को आरक्षित सीटें दी।
मामला कोर्ट में पहुंचा तो पीएससी ने आगे से सुधार करने का वादा कर मामले से मुक्ति पा ली। दिल्ली भेजी गई पहली चिट्ठी में लिखा गया है कि पीएससी और व्यापमं घोटालों से प्रदेश के पढ़े-लिखे युवा अत्यंत निराशाजनक परिस्थिति से गुजर रहे हैं। पत्र लिखने वालों ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से हस्तक्षेप करने की मांग की है। सुनीता ने बताया कि दिग्विजय सिंह का फोन आया था। हम उन्हें बतौर सबूत दस्तावेज सौंप रहे हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों के छात्र भी पत्र लिखेंगे।