नई दिल्ली। जल्द ही आपको वॉट्सएप, फेसबुक, जीमेल या ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स के लिए अलग से नेट प्लान लेना पड़ सकता है। टेलीकॉम कंपनियों ने नेट न्यूट्रेलिटी का हवाला देते हुए ऐसी ही मांग की है। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने कंपनियों से 24 अप्रैल और आम लोगों से 8 मई तक सुझाव मांगे हैं। इसके विरोध में सोशल मीडिया पर तीन दिन में 75 हजार लोग ऑनलाइन हस्ताक्षर कर चुके हैं। आप भी ट्राई को advqos@trai.gov.in ईमेल पर अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने कहा कि हम पहले ट्राई के कंसल्टेशन पेपर पर रिएक्शन का इंतजार करेंगे। फिर कोई फैसला लेंगे।
विरोधी बता रहे हैं यह खतरा :
किसीऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बड़ी सेल लगे और एक सर्विस प्रोवाइडर उस पोर्टल से मिलीभगत कर ले। ऐसे में दूसरे सर्विस प्रोवाइडर वाले वहां लॉगइन ही कर पाएं।
देश में ऐसे उठा मुद्दा:
हालमें एयरटेल ने फेसबुक-वॉट्सएप के लिए अलग-अलग प्लान दिए थे। पर विरोध के बाद वापस लेने पड़े थे।
कंपनियां ये चाहती हैं :
जो कमाई कॉलिंग-मैसेजिंग एप्स कर रहे हैं, वो उन्हें मिले। इनके कारण उनकी कमाई कम हुई है।
बहस क्यों :
स्मार्टफोनयूजर्स बढ़ने के साथ नेट एक्सेस बढ़ा तो टेलीकॉम कंपनियों ने इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की।
लागू हुआ तो एक्सेस चार्च ही होगा 400 रु.