जबलपुर। मरीजों को अब मेडिकल अस्पताल में एक्सरे फिल्म लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही उसके टूटने या खराब हो जाने का खतरा रहेगा। मरीज की आईडी से ही डॉक्टर मॉनीटर पर एक्सरे देख सकेंगे। मेडिकल में 1 करोड़ की लागत से लग रही डीआर (डिजीटल रेडियोलॉजी) मशीन से यह संभव हो रहा है।
क्या है डीआर मशीन
डीआर मशीन डिजिटल एक्सरे मशीन है।
डीआर मशीन में मरीजों के एक्सरे सामान्य एक्सरे मशीनों की तुलना में पचास प्रतिशत कम समय हो जाते हैं।
डीआर मशीन में मरीजों को एक्सरे फिल्म भी मिल सकती है, लेकिन वह मरीज की डिमांड पर।
पैक्स भी लगेगा
मेडिकल में 1 करोड़ की लागत से अगले एक माह में पैक्स (पिक्चर आर्किंनिंग कम्यूनिकेशन सिस्टम) भी लगेगा।
पैक्स को डीआर मशीन से जोड़ा जाएगा।
हर वार्ड में कम्प्यूटर मानीटर लगाए जाएंगे।
मरीज का एक्सरे करने के बाद उसे आईडी दिया जाएगा। इस आईडी से डॉक्टर संबंधित मरीज का एक्सरे मॉनीटर पर देख सकेगा। इससे मरीज और डॉक्टर दोनों का समय बचेगा और मरीज का इलाज जल्द शुरू हो सकेगा।
मेडिकल में डीआर मशीन लग रही है। एक माह में पैक्स भी लग जाएगा। इससे एक्सरे फिल्म की बचत होगी। इसके अलावा मेडिकल अस्पताल के हर वार्ड में मॉनीटर भी लग जाएंगे। इससे मरीजों को सुविधा होगी।
डॉ. अरुण शर्मा,
अध्यक्ष, रेडियोलॉजी विभाग