भोपाल। प्रदेश में 1 अप्रेल से नई आबकारी नीति लागू होने बाद शराब दुकानें अब रात 11.30 बजे तक खुली रहेंगी और बार 12 बजे तक। जबकि गुमास्ता एक्ट के तहत होटल, रेस्टारेंट में डिनर, दुकानों में दूध, दवा और हाट बाजार में सब्जी पहले की तरह रात दस बजे तक ही मिल पाएगी।
सरकार का मानना है ऐसा शराब की अवैध बिक्री रोकने के लिए किया गया है। ज्यादा देर तक दुकानें खुलने से लोगों को आसानी से शराब मिल सकेगी। इससे लोग परेशान भी नहीं होंगे और सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए नीति में बदलाव कर शराब की खपत बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रही है। नई नीति में हाईवे के किनारे शराब ठेके की अनुमति, देशी की दुकानों पर विदेशी शराब की बिक्री शुरू करने का प्रस्ताव भी इसी कवायद में शामिल था।
इनमें विरोध के चलते सरकार ने हाईवे किनारे शराब ठेकों को नगरीय सीमा तक सीमित कर दिया और देशी ठेकों पर विदेशी शराब की बिक्री के प्रस्ताव को कैबिनेट में सीएम ने खारिज कर दिया। इसके बाद विभाग ने नई नीति में शराब दुकानों का समय बढ़ाकर राजस्व हासिल करने का रास्ता निकाला।
जिसका सीधा फायदा नए ठेकों की नीलामी में देखने को मिला। सरकार को पिछले साल की तुलना में मार्च 2015 में हुए नए ठेकों से इस बार 34 फीसदी यानी 1604 करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिला।
गुमास्ता 10 बजे तक
गुमास्ता एक्ट के तहत दुकानें सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक ही खुली रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त हर बाजार में एक दिन का अवकाश रखना अनिवार्य होता है।
भानु प्रतापसिंह, श्रमायुक्त भोपाल
शराब ठेके 11.30 बजे तक
नई आबकारी नीति के तहत शासन ने शराब दुकानों को सुबह 8:30 बजे से रात 11:30 तक खोलने की अनुमति प्रदान की है। शराब दुकानें सिर्फ ड्राय-डे को ही बंद रहती हैं।
एनके चौबे, सहायक आबकारी आयुक्त भोपाल
अवैध शराब रोकने का प्रयास: जयंत मलैया, वाणिज्यिककर मंत्री
क्या वजह है कि दुकान बंद करने का समय रात 11 बजे से 11.30 तक बढ़ाया गया।
अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए ऐसा किया गया है। जल्दी दुकाने बंद होने से लोग अवैध शराब लेने पर मजबूर होते थे।
क्या सरकार ने शराब की खपत बढ़ाने की मंशा है। ताकि सरकारी खजाना भर सके।
शराब तो उतनी ही बिकेगी, जितनी बिकती रही है। फर्क सिर्फ इतना होगा कि जो अवैध तरीके से शराब बिक रही थी, वो अब दुकान से सीधे बिकेगी।
क्या इससे अपराध और हादसों में इजाफा नहीं होगा।
इससे कोई अपराध नहीं बढ़ेंगे। बल्कि अवैध शराब पर अंकुश लगने से अपराधों पर भी नियंत्रण होगा।
यानि कि दूध मिलेगा 10.00 बजे तक और शराब 11.30 तक। क्या सरकार यही चाहती है।
आप इसे गलत तरीके से ले रहे हैं। दूध से शराब की तुलना कैसे की जा सकती है।
अवैध बिक्री रोकने के लिए किया
गुमास्ता के तहत पहले बाजार रात 8.30 बजे बंद हो जाता था। लेकिन अब देर रात तक बाजार बंद होता है। इस लिहाज से शराब दुकानों रात 11 बजे से बढ़ाकर 11.30 बजे तक और बार का समय रात 12 बजे तक कर दिया गया है ताकि शराब की अवैध बिक्री को रोका जा सके।
डीआर जौहरी- अपर आयुक्त आबकारी
सिर्फ पैसा कमाने के लिए समय बढ़ाया
सरकार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। अब शराब दुकानों और बार को ज्यादा समय तक खोलकर पैसा कमाएंगे। इसका विपरीत असर कानून और सामाजिक व्यवस्था दोनों पर पड़ेगा।
नरेंद्र नाहटा, पूर्व आबकारी मंत्री मप्र
प्रदेश में कुल दुकानें
3684
2624 देशी
1064 विदेशी
शराब बिक्री से राजस्व
वर्ष 2013-14 में 4802 करोड़
वर्ष 14-15 में 6406 करोड़
पिछले 35 साल का रिकॉर्ड राजस्व है। अब तक विभाग को 1604 करोड़ बढ़कर राजस्व नहीं मिला है।