भोपाल। मप्र में विदेशी निवेश के लिए शिवराज सिंह चौहान ने पूरे 24 करोड़ रूपए फूंक डाले लेकिन इसके बदले में मप्र को 1 धेले का निवेश नहीं मिला। सारी पार्टियां, रोड शो और मंहगे गिफ्ट बर्बाद हो गए। सवाल यह है कि जब मप्र का रोम रोम कर्जें में डूब गया है तो ऐसी फिजूलखर्जी क्यों, पढ़िए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सदस्य अजय दुबे का यह खुलाखत :-
मित्रो नमस्कार
आप अभी जानते है की मध्य प्रदेश राज्य के हर नागरिक पर 14000 से अधिक का कर्ज है और पिछले कई सालो से शिवराज सरकार राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए करोडो रुपए खर्च कर विश्व भ्रमण कर रही है। हमारी जानकारी के अनुसार ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट अक्टूबर 2014 जिसके आयोजन पर 24 करोड़ रुपए खर्च हुए थे के 6 महीने पश्चात बाद भी राज्य में 1 रुपए का निवेश नहीं हुआ।
ईमानदार और सादगी से सरकार में सुशासन चलाने के दावे के बावजूद इस तरह के राजशाही खर्चे ख़राब आर्थिक झेल रहे मध्य प्रदेश की जनता के अन्याय है। एक तरफ जहा ओला पीड़ित किसानो को आर्थिक सहायता नहीं मिल रही वही सूचना का अधिकार की मदद से पता चला है की सरकार के खजाने से हर विदेश यात्रा में कथित निवेशकों को लाखो के गिफ्ट्स बांटे जाते है और लाखो रुपए के रोड शो किये जाते है।
आज जरुरत है की हर नागरिक और विशेषतौर पर किसानों को पता चले की RTI कानून की मदद से शिवराज सरकार की अफ्रीका यात्रा जून 2014 (7 से 15 जून तक ) के दस्तावेजो से ये स्पष्ट होता है की सरकार ने वहां 6 लाख रुपए की गिफ्ट्स बांटी और 17 लाख रुपए के रोड शो किये। कर्ज लेकर वित्त संकट से निपटने वाली शिवराज सरकार जहा निवेशकों को लाने में असफल रही वही मोदी सरकार के विदेश के राष्ट्रप्रमुख को सादगी से गीता और साडी देने की परंपरा से अनजान है। शिवराज सरकार अपनी विदेश यात्रा की जानकारी खर्चे और उपलब्धियों सहित भारत सरकार के आदेश के बावजूद सार्वजानिक नहीं कर रही है।
हमें पता चला है की फ़रवरी 2015 में शिवराज सरकार ने अमेरिका में 5 दिनों की यात्रा के दौरान शिवराज के भाषण को सुनवाने के लिए 3000 लोगो को सरकारी खर्चे पर राजशाही भोजन पर आमंत्रित किया और उनके वाहनो की पार्किंग पर भी लाखो रुपए खर्च किया।इस यात्रा से भी कोई सफलता निवेश में नहीं मिली इसको जल्दी प्रमाणों के साथ सार्वजानिक करेंगे।
कृपया संलग्न दस्तावेजों को पढ़ने का कष्ट करें
सादर सधन्यवाद
अजय दुबे
सदस्य
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल