सारणी पाॅवर प्लांट के निजीकरण का षडयंत्र

Bhopal Samachar

के.के. मिश्रा/भोपाल। राज्य सरकार सारणी पाॅवर प्लांट को षड्यंत्रपूर्वक निजी क्षेत्र को सौंपने का षडयंत्र रच रही है। राज्य सरकार और कतिपय नौकरशाह इस प्रक्रिया को अंजाम देने ही हर संभव कोशिशें कर रहे हैं।

इस पाॅवर प्लांट में हाल ही में यूनिट नं. 10 और 11 का निर्माण कराया गया, इन दोनों ही यूनिटों से निकलने वाली राख के लिए लगाया गया सिस्टम विगत 6 माह से षड्यंत्रपूर्वक खराब कर दिया गया, जबकि राज्य सरकार और संबंधित नौकरशाहों की मिलीभगत से सिस्टम लगाने वाली कंपनी के विरूद्व आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया है, न ही सिस्टम को आज तक बदला जा सका है।

इसके कारण चिमनियां राख के साथ धुंआ उगल रही हैं। यही नहीं म.प्र. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल ने भी 6 माह पूर्व ही इन यूनिटों के लिए दी गई जल और वायु सहमतियों को निरस्त कर दिया है, किंतु आज भी ये दोनों यूनिटें बिना अनुमति के चलायी जा रही हैं। राज्य सरकार इस पूरे पाॅवर प्लांट को निजी हाथों में सौंपना चाह रही है, जिसके कारण एनटीपीसी से पाॅवर प्लांट का मूल्यांकन भी करवाया जा रहा है।

उल्लेखनीय यह है कि एनटीपीसी इस पाॅवर प्लांट का मूल्यांकन बुक वेल्यु पर कर रही है। लिहाजा, अरबों रूपयों की संपत्ति वाला यह प्लांट निजी क्षेत्र को क्यों और किसलिए सौंपा जा रहा है, देखना होगा?

राज्य सरकार के असहयोग के कारण इस प्लांट पर कोयला कंपनी का करोड़ों रूपया बाकी है। लिहाजा, कंपनी प्लांट को चलाये जाने के लिए पर्याप्त कोयले की सप्लाई नहीं कर रही है, इसी वजह से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए चचाई और विरसिंहपुर के कोयले की रेक को सारणी प्लांट भेजा जाकर यूनिटें चलाई जा रही है।

सारणी पाॅवर प्लांट नं. एक को बंद कर बेचने के लिए विज्ञप्ति जारी हो जाने के बाद प्लांट के महत्वपूर्ण एवं कीमती कलपुरजों और सामग्रियों को प्रतिदिन निकालकर कबाड़े में बेचा जा रहा है, जिससे भविष्य में करोड़ों का नुकसान संभव है।

पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान द्वारा सारणी पाथाखेड़ा में कोयला आंदोलन करवाया गया और केंद्र के विरूद्व कपोलकल्पित दुष्प्रचार भी किया गया, किंतु क्या कारण है कि अब प्रदेश के वही मुख्यमंत्री इस महत्वपूर्ण प्लांट को चलाने हेतु अपनी ही केंद्र में काबिज नरेन्द्र मोदी सरकार के समक्ष कोयला आवंटन की मांग करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं, ऐसा क्यों?

  • श्री केके मिश्रा प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं। 


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