जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने देवसर के भाजपा विधायक राजेन्द्र प्रसाद मेश्राम का निर्वाचन रद्द कर दिया। यह फैसला पूर्व मंत्री व विधानसभा चुनाव में पराजित प्रत्याशी वंशमणी प्रसाद वर्मा की चुनाव याचिका पर सुनाया गया। न्यायमूर्ति जीएस सोलंकी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता अरविन्द श्रीवास्तव, राजेश दुबे व दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि देवसर के भाजपा विधायक राजेन्द्र प्रसाद मेश्राम का नामांकन-पत्र अवैध था। इसके बावजूद नामांकन-पत्र निरस्त करने के बदले मंजूर कर लिया गया।
निर्वाचन रद्द किए जाने की ये दो बड़ी वजहें
1-मतदाता सूची में नाम नहीं: बहस के दौरान बताया गया कि भाजपा प्रत्याशी मेश्राम ने अपने नामांकन-पत्र के साथ मतदाता-सूची संलग्न नहीं की। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका नाम सिंगरौली की मतदाता सूची में तो दर्ज है लेकिन देवसर की मतदाता सूची में नहीं है।
2-इस्तीफा मंजूर नहीं थाः शासकीय नौकरी से दिए गए इस्तीफे की मंजूरी का दस्तावेज भी नियमानुसार नामांकन-पत्र के साथ संलग्न नहीं किया गया। लिहाजा, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत निर्वाचन रद्द किए जाने योग्य है।
पहले कश्यप व वर्मा को लगा था झटका-
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर ने पूर्व में भाजपा विधायक मोती कश्यप व नीना वर्मा का निर्वाचन भी रद्द कर दिया था। जिसके खिलाफ दोनों ने सुप्रीम कोर्ट जाकर स्टे ऑर्डर हासिल किया।