नईदिल्ली। अमेरिका में TCS के खिलाफ दायर हुए एक मामले ने खुलासा किया है कि भारतीय कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को पसंद नहीं करतीं। उनका मानना है कि अमेरिकी कर्मचारी भरोसे के लायक नहीं हैं। हालांकि इस तरह की धारणा बनाना अमेरिका में गुनाह माना जाता है अत: टीसीएस के खिलाफ मामला विचाराधीन है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज :TCS: पर उसके एक पूर्व अमेरिकी कर्मचारी ने नियुक्तियों व रोजगार नियोजन में ‘भेदभाव’ का आरोप लगाते हुए वाद किया है। इस कर्मचारी का आरोप है कि कंपनी उन व्यक्तियों से ‘भेदभाव’ करती है जो कि दक्षिण एशियाई नहीं हैं।
स्टीवन हेट ने अमेरिका में कंपनी के विभिन्न कार्यालयों में काम किया था।उसने अमेरिकी जिला अदालत ने दीवानी शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें कंपनी में ‘ पर्याप्त अमेरिका विरोधी धारणा’ का सामना करना पड़ा और उसे निकाल दिया गया। इस शिकायत के अनुसार ‘कंपनी नियुक्ति, रोजगार नियोजन व निष्कासन में दक्षिण एशियाई लोगों का पक्ष लेती है जबकि जो दक्षिण एशियाई नहीं हैं उनसे पक्षपात करती है।’
वहीं वाल स्ट्रीट जनरल ने इन आरोपों पर टाटा की प्रतिक्रिया छापी है। टाटा के प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा है,‘ टाटा को पूरा भरोसा है कि हेट के आरोप आधार हैं और कंपनी अपनी बचाव मजबूती के साथ करेगी।’ इसके अनुसार,‘ टीसीएस अमेरिका में आईटी सेवा उद्योग में सबसे प्रमुख रोजगार सृजकों में से एक है।