ग्वालियर। क्या एक अफसर का पालतु कुत्ता इतना महत्वपूर्ण हो सकता है कि यदि उसकी अर्दली में कमी होने पर कर्मचारियों को कुत्तों की तरह पीटा जाए। क्या कानून इसकी इजाजत देता है और सबसे बड़ा सवाल यह कि यदि कोई आवाज उठाए तो क्या उसकी नौकरी सुरक्षित रह पाएगी।
ताजा खबर द्वितीय वाहिनी से आ रही है। यहां पदस्थ असिस्टेंट कमांडेंट एके द्विवेदी ने पालतू कुत्ते को खाना देने में लापरवाही बताकर नवआरक्षकों कानपुर निवासी विवेक शुक्ला और सलमान नामक आरक्षक की बेरहमी से मारपीट की। घायल नव आरक्षकों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को की है।
पीड़ितों ने बताया कि 10 रोटी की डाइट में से 5 रोटी पालतू कुत्ते को खिलाने को असिस्टेंट कमांडेंट एके द्विवेदी कहते हैं। आॅफिस में बुलाकर विवेक और सलमान को खाना सही ढंग से कुत्ते को न देने का आरोप लगाकर लोहे लगे डंडे से बुरी तरह मारपीट की गई। नव आरक्षकों ने बताया कि बटालियन में बंगलों पर नव आरक्षकों से जानवरों से बुरा बरताव होता है। पालतू जानवरों की देखभाल के साथ-साथ घरेलू कार्य और बंगलों की चाकरी करना पड़ती है जो मन मानकर हम करते हैं। टीआई कम्पू दीन बंधू तोमर ने बताया कि आवेदन लेकर डाॅक्टरी करा दी गई है।