नीमच। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का काफिला गुरुवार को जब सड़कों से गुजरा तो उन्हें देखने गांव के गांव (ग्रामीण) उमड़ पड़े। सोनिया करीब चार घंटे जिले में रहीं। इस दौरान वे खेतों में नुकसानी देखने पहुंची और किसानों से भी मिलीं। जहां उन्होंने किसानों को रोता देख अपने पल्लू से किसानों के आंसू पहुंचे वहीं जब वह खेत देखने पहुंची तो खुद भावुक हो गईं। सोनिया गांधी दिल्ली से स्पेशल प्लेन से गुरुवार सुबह 10.30 बजे नीमच हवाई पट्टी पहुंचीं।
यहां से 10.40 बजे रोड शो शुरू हुआ। वे हिंगोरिया फाटक भाटखेड़ा फंटे, मालखेड़ा फंटा, नेवड़, सेमली चंद्रावत, सरवानिया महाराज, जनकपुरा, मोरवन, डिकेन से गुजरीं। यहां घरों के बाहर ओटलों से लेकर सड़क तक ग्रामीणों की भीड़ मौजूद थी। मड़ावदा से पहले तो वाहन के दरवाजे से लटककर अभिवादन स्वीकार किया।
कंजार्डा बस स्टैंड पर वाहन भी लोगों से मुलाकात की। यहां सभा के लिए मंच बनाया गया था लेकिन सोनिया उस पर चढ़ने के बजाय खेड़ली गांव के बाहर बने हेलीपेड पहुंचीं। यहां से 2.25 बजे स्पेशल प्लेन से दिल्ली के लिए उड़ान भरी।
किसानों से मिलीं
रोड शो के दौरान सोनिया मड़ावदा में शंभूलाल मेघवाल के खेत पहुंचीं। शंभूलाल ने बताया पहले पटवारी ने ईसबगोल में 45 फीसदी नुकसानी लिखी थी। कमिश्नर के आदेश के बाद दोबारा सर्वे हुआ तो 70 फीसदी नुकसान बताया। इसका मुआवजा अब तक नहीं मिला। नंदकिशोर मेघवाल के खेत में परिजन ने बताया ओलावृष्टि से गेहूं खराब हो गए, लेकिन सर्वे नहीं हुआ।
गिरते-गिरते बचीं
मड़ावदा में वाहन के दरवाजे पर लटककर रोड शो करने के दौरान सोनिया गिरते-गिरते बचीं। यहां एक कार्यकर्ता अचानक उनके वाहन के आगे आ गया। उसे बचाने में चालक ने पावर ब्रेक लगा दिया। इससे झटका लगने से सोनिया का संतुलन बिगड़ गया। पीछे दरवाजे पर लटके गार्ड ने हाथ पकड़कर उन्हें संभाल लिया।
युवा नेता का सिर फूटा
रोड शो के दौरान सरवानिया महाराज में हादसा हो गया। युवा नेता शफीक खान के सिर पर बैरिकेड गिर गया। इससे वे बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल लाया गया।
सुबह से खेत पर देख रही हूं सोनिया की राह
मेरे खेत पर सोनिया गांधी आएंगी और नुकसानी देखेंगी। इसलिए सुबह से ही बेटे-बहू के साथ खेत आ गई थी। तभी से सोनिया की राह देख रही हूं। यह कहना था कंजार्डा की 70 वर्षीय गीताबाई पति मांगीलाल खाती का। गीताबाई ने बताया परिवार में बेटा राजेश व बहू सजनबाई है। डेढ़ बीघा में ईसबगोल व कंलौजी बोई थी। ओलावृष्टि से पूरी फसल बर्बाद हो गई। इससे परिवार चलाने का संकट खड़ा हो गया है। नुकसान के आकलन के लिए प्रशासन को आवेदन दिया लेकिन सर्वे के लिए कोई नहीं आया। जब सुना सोनिया गांधी मेरे खेत पर आएंगी तो, तो कुछ आस बंधी। गीताबाई ने कहा- जब वे आएंगी ताे अपनी पीड़ा बताऊंगी और दूसरे किसानों के लिए भी कुछ करने के लिए कहूंगी। दोपहर को जब सोनिया गीताबाई के खेत पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
घूम-घूम कर पूछी समस्या
सरवानिया महाराज में कांतादेवी पाटीदार से पूछा- सर्वे हुआ या नहीं, फसलों में ज्यादा नुकसान तो नहीं हुआ। वे 10 मिनट तक गांव में घूमी और कानसिंह राणावत, कंवरलाल पाल, जगदीश राठौर व महिलाओं से मुलाकात कर समस्या जानी।