भोपाल। मप्र में कांग्रेस के नेता भले ही अब भी करोड़ों में खेल रहे हों परंतु मप्र कांग्रेस कमेटी कंगाल हो चुकी है। उसके पास बिजली का बिल भरने तक का पैसा नहीं है।
कभी राजा-महराजाओं के लिये सजकर तैयार रहने वाली इस भवन का बिजली बिल तक कोई भर नहीं पा रहा है। बिजली बिल जमा करने को लेकर बिजली विभाग ने 5 लाख रूपय को लेकर दो बार नोटिस भेज चुका हैं। इसको लेकर प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव दो बार बैठक भी कर चुकें हैं। अभी तक हल नहीं निकला है। इस भवन में 25 केबल कनेक्शन के प्वाइंट है, लेकिन अब घटकर 7 ही चालू है और इसका बिल भी नेताओं को अपने पॉकेट खर्च से देना पड़ रहा है।
कांग्रेस पदाधिकारी बताते है कि केंद्रीय कांग्रेस इकाई से प्रति माह के हिसाब से खर्च के लिये दो लाख रूपए दिये जा रहे हैं, लेकिन यह राशि पदाधिकारियों के वेतन में ही खर्च किया जा रहा है। स्थिति यह है कि प्रेस कांफ्रेस के लिये आयोजक को ही इसके खर्चे की व्यवस्था करनी पड़ती है। दबी जुबान में मप्र कांग्रेस कमेटी की वित्तीय व्यवस्था देखने वाले कहते हैं कि हम तो कई बार हाईकमान को हालात से अवगत करा चुके लेकिन हाईकमान कुछ देखते ही नहीं।