भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भले ही घोषणा कर दी है कि कम चमक वाले गेंहू भी खरीदे जाएंगे लेकिन सरकारी गेहूं खरीदी केंद्र के अफसर सीएम के अखबारी बयान को मानने तैयार नहीं है उनका कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार से आदेश नहीं मिल जाएंगे, हम गेंहू नहीं खरीदेंगे। सीएम शिवराज सिंह आज दिनांक तक केन्द्र सरकार से आदेश जारी नहीं करवा पाए हैं।
नतीजा ये है कि पिछले साल की तुलना में इस अवधि में खरीदी आधी हो सकी है। 25 मार्च से शुरू हुई खरीदी गत वर्ष के 4.64 लाख टन के मुकाबले 2.62 लाख टन है। इधर कई खरीदी केंद्रों पर तर्क दिया जा रहा है कि दाने को लेकर केंद्र से अभी स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं।
पिछले साल भी पड़ी थी प्रकृति की मार
बारिश की वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम् संभाग में 18 की जगह 25 मार्च से खरीदी शुरू हुई। तीन अप्रैल तक 43 हजार किसानों से 2 लाख 62 हजार टन गेहूं खरीदा गया, जबकि इसी अवधि में पिछले साल 78 हजार किसानों से 4 लाख 64 हजार टन गेहूं खरीदा गया था। प्रकृति की मार पिछले साल भी पड़ी थी और 85 लाख टन के लक्ष्य की तुलना में खरीदी 72 लाख 32 हजार पर सिमट गई थी।
मानक में खरे नहीं हैं दाने
केन्द्र सरकार के मानकों के मुताबिक ठोस, साफ, चमक वाला और साधारण झन्नी में अटकने वाला सूखा गेहूूं खरीदा जाता है। इससे अलग होने वाले गेहूं को समितियां खरीद भी लेती हैं तो भारतीय खाद्य निगम उठाव नहीं करता है और खामियाजा समितियों को भुगतना पड़ता है।
निर्देश का इंतजार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र से खरीदी के पैमाने में छूट देने की मांग रखी है, पर अभी इजाजत नहीं मिली है। इसके बाद भी किसानों की स्थिति को देखते हुए उन्होंने चमकविहीन और पतला गेहूं खरीदने की घोषणा कर दी थी, लेकिन खरीदी केन्द्रों तक निर्देश नहीं पहुंचे हैं।
किसानों की फजीहत
विदिशा के जमानिया में किसान मदन सिंह का चार ट्राली गेहूं खरीदी केन्द्र के बाहर खड़ा है। गेहूं वापस ले जाने में होने वाले नुकसान को देखते हुए उन्होंने वहीं मैदान में गेहूं खालीकर ट्रैक्टर रवाना कर दिए।
हरदा के मोरगढ़ी में राधेश्याम सिंह का दो ट्राली गेहूं समिति ने रिजेक्ट कर दिया। अधिकारियों से शिकायत हुई तो ये कहकर टाल दिया गया कि नियम दिखवाते हैं।
जहां का गेहूं वहीं होगा स्टाक
राज्य भंडार गृह निगम ने इस बार तय किया है कि जहां खरीदी होगी गेहूं का स्टाक पहले वहीं किया जाएगा। यदि उस जिले की आवश्यकता से अधिक उपार्जन होता है तो पड़ोसी जिले में स्थानांतरित करेंगे। भंडारण ऐसे गोदाम में किया जाएगा, जो रेलवे ट्रैक पास हो ताकि दूसरी जगह भेजने में ज्यादा परिवहन न करना पड़े।
इनका कहना है
अभी पतले और कम चमक वाले गेहूं की उपार्जन केन्द्रों में खरीदी के आदेश जारी नहीं हुए है। केन्द्र सरकार से राज्य ने प्राकृतिक आपदा को देखते हुए खरीदी के मानकों में कुछ रियायत मांगी है। उम्मीद है कि सोमवार तक अच्छी खबर मिले।
अशोक वर्णवाल
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग