मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को मिलने वाले गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है। सरकार की ओर से पुलिस के लिए इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को जिला यात्रा के दौरान पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसे वक्त और संसाधनों की बर्बादी करार देते हुए पुलिस से औपनिवेशिक काल की इस प्रथा को समाप्त करने को कहा है। फड़नवीस ने हाल में ही वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा में कटौती करने का निर्देश दिया था ताकि पुलिस के ज्यादा से ज्यादा जवान प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए उपलब्ध रह सकें।
ब्रिटिश काल में शीर्ष अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता था। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट सहयोगी, सभी मंत्रियों और यहां तक कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी राज्य पुलिस गार्ड ऑफ ऑनर पेश करती है। पिछले साल 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य में वीआईपी संस्कृति को कम करने की घोषणा की थी।