पन्ना। मप्र के मुख्यमंत्री द्वारा डेढ वर्ष पूर्व दिसम्बर 2013 में घोषणा कि गई थी कि संम्पूर्ण प्रदेश के शिक्षा गारटीं शालाओं मे पदस्थ गुरूजीओं को संविदा शिक्षक बनाया जाये। उसी घोषणा के तहत मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा दिनांक 10 फरवरी 2014 को मप्र के समस्त कलेक्टरो को आदेश जारी किये गये थे कि गुरूजीओ को बिना परीक्षा पास किये संविदा शिक्षक बनाया जाये।
उक्त आदेश के तारत्मय में मप्र के अधिकतर जिलों मे गुरूजीओं को संविदा शिक्षक बना दिया गया है तथा उन्हे संविदा शिक्षक के तहत मानदेय भी प्राप्त होने लगा है लेकिन डेढ वर्ष बीत जाने के बावजूद पन्ना जिला के गुरूजीओ संविदा शिक्षक के आदेश आज दिनांक तक प्रसारित नही हुये है, जिससे जिले के 240 गुरूजी उसी मानदेय में कार्य कर रहे हैं।
इस आदेश संबंधी फाईल लगभग एक वर्ष से जिला शिक्षा केन्द्र, जिला पंचायत एवं कलेक्टर कार्यालय के बीच घूम रही है आखिर उक्त फाईल का निराकरण क्यो नही किया जा रहा है यह समझ से परे है। पन्ना जिले से प्रदेश मे केबिनेट स्तर कि मंत्री होने के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारियों कि मनमानी चल रही है।
ज्ञात हो कि ग्रामीण शालाओं में पदस्थ गुरूजीओं से अध्यापकों के समान कार्य लिया जा रहा है लेकिन उन्हे मानदेय मात्र 3600 रू मिलता है। यदि उक्त गुरूजीओ को संविदा शिक्षक वर्ग 3 के आदेश मिल जाते तो उन्हे 5000 रू वेतन प्राप्त होने लगता तथा शासन कि आदेश अनुसार तीन वर्ष बाद अध्यापक वर्ग में संविलियन का लाभ भी प्राप्त होता लेकिन पन्ना जिले मे इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नही है। कर्मचारी संगठन भी हाथ पर हाथ धरे बैठे है। गुरूजी वर्ग की समस्या का कब निराकरण होगा जिले के नवागत कलेक्टर एस0एन0सिंह चौहान से गुरूजी वर्ग ने जल्द आदेश प्रसारित कराने की मांग की है।