ग्वालियर। मैं नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के पीए नहीं हूं, जो किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए उनको जानकारी दूं। आखिर हम भी नेता हैं। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लहार विधायक डा. गोविंद सिंह ने कही। यह कहते हुए डा. सिंह थोड़ा उग्र भी हो गए और बोले हमारा काम किसी को बताकर बोलना नहीं है। बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि चंबल अंचल के अलावा प्रदेश में अवैध उत्खनन का जमकर बोलबाला है सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
दरअसल शुक्रवार को डा. सिंह ने मीडिया को चंबल अंचल में होने वाले अवैध उत्खनन की जानकारी देने के लिए बुलाया था। इसी बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने नेता प्रतिपक्ष को इसकी जानकारी दी है तो उन्होंने कहा कि हमारा काम किसी को बताना नहीं है, और वे भी एक बड़े नेता है। यही नहीं डा. सिंह ने कह दिया कि नेता प्रतिपक्ष तो व्यापमं मुद्दे को उठाकर राज्य की भाजपा सरकार को हिला रहे है, तो दूसरे नेता औऱ मुद्दे क्यों नहीं उठा सकते।
डा. सिंह ने बताया कि चंबल अंचल में रेत और पत्थर का अवैध उत्खनन जमकर हो रहा है और यह काम सरकारी संरक्षण में किया जा रहा है। उन्होंने गोहद का उहादरण देते हुए कहा कि सरकार ने वहां पर नगर पालिका और उद्योगों के लिए जमीन आरक्षित की, उसी पर प्रभावशाली लोगों ने पत्थर का खनन शुरू कर दिया औऱ स्टोन क्रेशर लगा लिए।
डा. सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री लाल सिंह आर्य के रिश्तेदार यह काम कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि बिना मंजूरी के यह काम हो रहा है और जो लोग इसके विरोध में आवाज उठाते हैं, उनके ऊपर मुकदमे लादे जा रहे है।
इसी प्रकार पूरे इलाके में रेत का जमकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा में मामला उठाया, कई मंत्रियों के सामने रखा, लेकिन किसी किस्म की कार्रवाई देखने को नहीं मिली। एक अनुमान के मुताबिक पिछले दो-तीन वर्षों में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा अवैध उत्खनन चंबल अंचल में हुआ है और सरकार आंख बंद करके बैठी है।
चंबल के किसान बहादुर हैं
किसानों के आत्महत्या के मामले में डा. सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियों से अंचल का किसान निराश हो चुका है। वैसे अंचल के लोगों में विपरीत परिस्थितयों के बीच जीने की झमता है, इसलिए उन्हें हौंसला बनाए रखना चाहिए।