डॉक्टरों ने जिसे मृत घोषित किया, वो नवजात तो जिंदा निकली

जबलपुर। शहर के प्रख्यात Seth Mannulal Hospital Jabalpur‎ में अयोग्य डॉक्टरों और रोगियों की जान से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। एक प्रसव के दौरान डॉक्टरों ने जिस नवजात बालिका को मृत घोषित कर दिया था, पूरी रात उसे लावारिस की तरह एक ट्रे पर पड़ा रहने दिया गया, सुबह देखा तो वो जिंदा थी। अब अपनी अयोग्यता छिपाने के लिए डॉक्टर इसे चमत्कार कह रहे हैं।

जानकारी के अनुसार हनुमानताल खाई मोहल्ला में रहने वाले आकाश राव मराठा की पत्नी सोनू राव को शनिवार की शाम प्रसव के लिए मन्नूलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देर रात करीब 1 बजे सोनू ने एक बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान चिकित्सक और स्टॉफ नर्स ने बच्ची को कपड़े में लपेट कर वहां मौजूद आकाश की मां को जानकारी दी कि बच्चा मृत पैदा हुआ है।

रात होने के कारण अस्पताल स्टाफ ने नवजात को कपड़े से लपेट कर वहीं एक ट्रे पर रख दिया।

एक सलाह बनी जिंदगी
सुबह अस्पताल पहुंचे आकाश और उसके रिश्तेदार नवजात को रानीताल मुक्तिधाम लेकर आए। गड्ढाकर जब वे नवजात को दफनाने के लिए बढ़े तभी मुक्तिधाम में कर्मकांड कराने वाले श्यामनारायण तिवारी ने अंतिम संस्कार के पूर्व की जाने वाली स्नान क्रिया पूर्ण करने नवजात पर पानी छिड़कने की सलाह दी, जैसे ही बच्ची पर पानी छिड़का वह मचल उठी। उसे जिंदा देख आनन-फानन आॅटो से परिजन अस्पताल लेकर भागे।

अस्पताल पर आरोप
मन्नूलाल अस्पताल पहुंचे परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही के आरोप लगाए। इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी अस्पताल पहुंची। चिकित्सकों ने बच्ची को आईसीयू में भर्तीकर इलाज शुरू किया। इस मामले में प्रसव कराने वाली महिला चिकित्सक पीपी तिवारी का कहना है कि महिला की हालत गंभीर थी, जन्म के बाद उसमें कोई हलचल नहीं थी। प्रसूता को अधिक ब्लड प्रेशर था, साथ ही सात माह का गर्भ था।

नवजात को भेजा एल्गिन
रविवार की शाम मन्नूलाल अस्पताल प्रबंधन के कहने पर परिजनों ने नवजात को एल्गिन अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि मां का इलाज मन्नूलाल अस्पताल में ही किया जा रहा है।

इनका कहना है
महिला के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। महिला की हालत पहले ही खराब थी, नवजात में कोई हलचल नहीं हो रही थी। कुछ केसों में ऐसा होता है कि नवजात पुन: जीवित हो जाए, हमारे द्वारा बेहतर इलाज दिया गया।
डॉ. डीके तिवारी, अधीक्षक मन्नूलाल अस्पताल

मेरी बेटी को मृत बताने वाले डाक्टर अपनी लापरवाही नहीं मान रहे हैं, उल्टा अब डाक्टर हमें पूरे पैसे जमाकर एल्गिन अस्पताल जाने दबाव डाल रहे हैं।
अशोक राव मराठा, बच्ची का पिता

मन्नूलाल अस्पताल तथा नवजात के परिजनों ने इस मामले की सूचना दी थी। रात के घटनाक्रम की जांच की जा रही है, अस्पताल में नवजात के इलाज हेतु वेंटीलेटर न होने के कारण उसे एल्गिन भेजा गया है।
सुनील नेमा, टीआई कोतवाली

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