ग्वालियर। फसल खराब होने के सदमे से दो और किसानों के मौत होने की खबर है अब तक कुल 9 किसानों की मौत हो चुकी है। भिंड के फूफ क्षेत्र के छूछरी गांव के बीहड़ में पेड़ पर कृषक नरेन्द्र सिंह भदौरिया उर्फ करूटे 55 वर्ष पुत्र जगमोहन सिंह निवासी चरी कनावर की लाश लटकी हुई देखी गई शव करीब दो दिन पुराना बताया जा रहा है। मृतक नरेन्द्र के पास महज 2 बीघा जमींन थी। लगातार फसल खराब होने से वह कर्ज में डूब गया था।
एक अन्य घटना में गोहद क्षेत्र के बसारा गांव में ओलावृष्टि के बाद राजेन्द्र सिंह गुर्जर पुत्र रामकुमार सिंह निवासी बसाराम की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि फसल चैपट होने के सदमे में उन्हें हार्ट अटैक हुआ था। उधर श्योपुर में मौसम की मार के चलते साढ़े चार हजार किसानों ने जमींन बेचकर खेती किसानी से तौबा कर छोटे-मौटे धंधे शुरू कर दिये हैं।
वीरपुर के रामहेत मल्लाह की 12 बीघा सरसों नष्ट होने पर उसने अपने दोनों बेटों राजाराम और जगदीष को मारबल कारखाने में चेन्नई भेज दिया। इधर जलालपुर में झोंपड़ी में की किसान धापोबाई की भी सदमे में मौत की खबर है, उसे अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है।
ओलावृष्टि से हल्दी मेंहदी का रंग फीका हो गया है। क्षेत्र के कई किसानों की बेटियों की शादियाँ फसल के नष्ट होने से परेषानी में हैं। लोग जमींन बेचकर किसी तरह शादियाँ कर रहे हैं। बाजारों में बेरोजगारी बढ़ने से अपराध बढ़ने की भी संभावना हैं। इधर मुरैना क्षेत्र में सहकारी समितियों द्वारा किसानों से पुराना बकाया, बसूलने से किसान परेषान हैं।